Google Podcasts creator program के बारे में जानकारी

Google Podcasts creator program



गूगल पॉडकास्ट क्रिएटर प्रोग्राम गूगल और पीआरएक्स कंपनी  का एक  साझा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य है पॉडकास्टिंग की दुनिया में छिपी हुई प्रतिभाओं को प्रशिक्षण और संसाधन मुहैया कराना

 



इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न देशों के प्रारंभिक स्तर के रचनाकारों को मौका दिया जाता है इसमें विभिन्न देशों से प्रतिभागियों को आमंत्रित किया जाता है गत वर्षो में ब्राजील चिली कोलंबिया भारत केन्या लेबनान स्पेन और अमेरिका जैसे देशों से रचनाकारों को चयन किया गया|


 इस वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए हालांकि नए आवेदनों को स्वीकार नहीं किया जा रहा है क्योंकि अंतिम दिनांक निकल चुकी है फिर भी इस बार के कार्यक्रम में पूरे विश्व से रचनाकारों को मौका दिया गया है लेकिन इसकी मुख्य शर्त यह है कि जनवरी 2019 से कम से कम 5 एपिसोड जारी किए होने चाहिए|


 यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बिल्कुल फ्री है इसके अंतर्गत पूर्णतया वर्चुअल प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा  

चयनित रचनाकारों को प्रशिक्षण पीआरएक्स कंपनी, गूगल पॉडकास्ट क्रिएटर प्रोग्राम के एलुमनाई और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित  दिया जाएगा|


 कार्यक्रम में निम्न सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी



 उनके द्वारा तैयार रचना के सभी पहलुओं पर नियमित फीडबैक दिया जाएगा जिसमें तकनीकी और संपादकीय फीडबैक भी शामिल होगा  उन्हें बताया जाएगा कि वह अपनी रचना को कैसे बेहतर बना सकते हैं 


 उन्हें कुछ विशेष विषयों पर प्रशिक्षित किया जाएगा जैसे कहानी कहने की कला  व आवाज को कैसे बेहतर बनाया जाए और अपनी ऑडियंस तक वह कैसे पहुंचे उसकी मार्केटिंग की क्या रणनीति हो इसके बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा|

रचनाकार स्वतंत्र रूप से अपनी रचना को बना सकें इसके लिए उन्हें साधन और सॉफ्टवेयर मुहैया कराए जाएंगे|


 इस प्रोग्राम के तहत लगभग $12000 या ₹840000 की वित्तीय सहायता भी रचनाकारों को दी जाएगी राशि को वह अपनी स्वयं की इच्छा से जैसा उचित समझें रचना को बेहतर बनाने के लिए प्रयोग कर सकते हैं|


अधिक जानकारी के लिए आपको बताना चाहेंगे कि 12 हफ्ते का यह प्रोग्राम तीन बार आयोजित किया जाएगा

 ताकि रचनाकार अपनी सहूलियत के हिसाब से उस मैच में हिस्सा ले सकें|


 प्रथम बैच

  21 सितंबर 2020 से 4 दिसंबर 2020


 द्वितीय बैच

 25 जनवरी 2021 से 16 अप्रैल 2021


तृतीय बैच

 3 मई 2021 से 23 जुलाई 2021


 गूगल पॉडकास्ट क्रिएटर प्रोग्राम के लिए वर्ष 2020-2021 के लिए आवेदन बंद हो चुके हैं|


यदि आप चाहते हैं कि इस प्रोग्राम का हिस्सा बने तो आपको इन निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे कि आप अन्य रचनाकारों से बेहतर साबित हो और इसमें चुने जाएं


1.आपने जिस रचना को बनाया है उसे क्यों बनाया है यह आपको स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए

 सबसे मजबूत प्रतिभागी को यह हमेशा स्पष्ट होता है कि वह किसी भी रचना को क्यों बना रहा है किसी भी पॉडकास्ट को बनाने का उसका उद्देश्य एकदम साफ होता है|


 आप जिस काम को कर रहे हैं उसके बारे में आपके क्या अनुभव है उसके लिए आपका फैशन कितना है और उस काम को करते वक्त आप कहां रहते हैं और भी अन्य कुछ बातें जो उस कहानी के लिए उपयुक्त कारण प्रस्तुत कर सकें कि आप ही उस प्रोग्राम के लिए बने हैं|



2. आपका  पॉडकास्ट  स्पष्ट रूप से किन लोगों के लिए है-


 यहां एक बहुत अच्छी बात मैं आपको बताना चाहता हूं की जब आप कोई पॉडकास्ट सभी के लिए बनाते हैं इसका मतलब है कि वह पॉडकास्ट किसी के लिए भी नहीं है|


 इसलिए आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि आपको सुनने वाले कौन है आपको सुनने वालों के बारे में आपको अच्छी तरह जानकारी होनी चाहिए जैसे वह क्या करते हैं किन विषयों में उनकी रुचि है वह आपको क्यों सुनना चाहते हैं और आपको सुनने से पहले वह क्या सुन रहे थे|


 और एक महत्वपूर्ण बात आप उन्हें समझने की उन्हें महसूस करने की क्षमता रखें  और इस बात का ख्याल हो कि आपके पॉडकास्ट को सुनने के बाद वह क्या सोचेंगे क्या महसूस करेंगे और क्या करना चाहेंगे|


 आप अपना पॉडकास्ट रिव्यू टीम को ध्यान में रखकर बिल्कुल भी ना बनाएं क्योंकि वह आपके सुनने वाले नहीं है जो लोग आपको सुनेंगे वही आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे और तभी आप उन तक पहुंच पाएंगे|


 3.कहानी के बारे में सोचें विषय के बारे में नहीं-


 अधिकतर प्रतिभागी सामान्य विषयों के बारे में बात करते हैं जैसे कला उद्यमिता जाति स्वास्थ्य पहचान फिल्म शिक्षा मनोरंजन इत्यादि लेकिन लगभग इन सभी विषयों पर कोई भी पॉडकास्ट बना सकता है|


वही प्रतिभागी ध्यान खींचने में सफल होते हैं जिन जिन में कहानी को कहने की एक विशेष योग्यता होती है जिनके पास एक कहानी होती है एक अमूर्त विषय नहीं होता है उनके पास श्रेणी नहीं होती है उनके पास कहानी के पात्र होते हैं जिन्हें वह अपने पॉडकास्ट में जीवंत कर देते हैं  आसान भाषा में कहें तो  सामान्य बातचीत के इतर उनका एपिसोड कहानी को कसावट के साथ कहता है जिससे कि सुनने वाला उसके साथ जुड़ जाता है|




4.इस अवसर के लिए कितना तैयार हैं यह बताएं-



 आपके लिए यह एक बहुत बड़ा अवसर है क्योंकि इसके तहत आपको 12 सप्ताह की विशेष प्रशिक्षण और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे हालांकि जो सबसे मजबूत प्रतियोगी है उसे पता है कि यह सब कुछ नहीं है लेकिन वह अपने आप को इस अवसर के लिए तैयार कर रहा है कि इस समय का इन संसाधनों का वह अपने पॉडकास्ट को बेहतर बनाने के लिए कैसे उपयोग कर सकता है और इस अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठा सकता है



  अंत तक इस लेख को पढ़ने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद और अगर आप इस प्रोग्राम के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं या आपकी रूचि इस विषय में हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप इस प्रोग्राम से संबंधित विस्तृत जानकारी ले सकते हैं|

How to Make Your Google Podcasts creator program Application Stand Out — Google Podcasts creator program: Learn how to submit your best application before the deadline of Sunday, August 2, 2020.

Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा क्या है ?

Types of Reference Service-संदर्भ सेवा के प्रकार

 

अ. Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा

 

 ब. Long range reference- व्यापक संदर्भ सेवा क्लिक करे


Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा क्या है ?


टाइम फैक्टर के आधार पर जो सेवा शीघ्र अति शीघ्र दी जा सके

रंगनाथन के अनुसार प्रस्तुत संदर्भ सेवा बहुत ही कम समय में और कुछ क्षणों में प्रदान की जाती है इसकी सीमा 5 मिनट से लेकर आधे घंटे तक है


 स्रोत के आधार पर जो सेवा पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ ग्रंथ या पूर्व में दिए गए जवाब की फाइल की सहायता से प्रदान की जाती है उसे प्रस्तुत संदर्भ सेवा कहते हैं

 इस सेवा में ऐसे प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है जिनके उत्तर खोजने में ज्यादा समय नहीं लगता है जैसे पुस्तकालय प्रसूची कहां है शब्दकोश कहां है प्रेमचंद की कौन सी किताबें पुस्तकालय में है


यह सेवा पुस्तकालय केंद्र में पूछताछ केंद्र से प्रदान की जाती है यह केंद्र मुक्त द्वारा आदान-प्रदान विभाग के पास स्थित होता है




 प्रस्तुत संदर्भ सेवा की आवश्यकता क्या है ?

 

1.संदर्भ ग्रंथों की प्रकृति- सभी ग्रंथ कृत्रिमता लिए होते हैं लेकिन बार-बार प्रयोग करने से यह समाप्त हो जाती है संदर्भ ग्रंथों में कृत्रिम था सामान्य ग्रंथों की अपेक्षा ज्यादा होती है और इन्हें बार बार पढ़ा भी नहीं जाता है इन्हें सिर्फ विशेष सूचना के लिए ही प्रयोग किया जाता है


 सामान्य ग्रंथों में विषय और विचार श्रंख्लाबध होते हैं जबकि संदर्भ ग्रंथों में ऐसा नहीं होता है उनमें विभिन्न सूचनाएं सिर्फ इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है कि अल्प समय में ही सूचना का अवलोकन किया जा सके संदर्भ ग्रंथों में उनका व्यवस्थापन ही मुख्य है जो कि 

वर्णक्रम अनुसार-Alphabetic order

 विषयानुक्रम- classified

काल-क्रमानुसार या - chronologically

भौगोलिक आधार - Geographical

पर किया जाता है इस प्रकार की जानकारी देने हेतु प्रस्तुत संदर्भ सेवा का प्रयोग किया जाता है



2. प्रश्न कर्ताओं की प्रकृति-

 पुस्तकालय में आने वाले पाठक या प्रश्नकर्ता- तीन तरह के हो सकते हैं


अ. अनुपस्थित प्रश्नकर्ता- 


टेलीफोन द्वारा डाक द्वारा समाचार पत्रों के प्रकाशन विभाग,आकाशवाणी ,दूरदर्शन  या विशिष्ट नागरिकों द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देने के लिए पुस्तकालय में प्रस्तुत संदर्भ सेवा का होना आवश्यक है



 ब.आकस्मिक दर्शक- 


कभी-कभी आने वाले या आवश्यकता पड़ने पर आने वाले, सार्वजनिक पुस्तकालयों में इनकी संख्या सर्वाधिक होती है पर्यटन स्थलों पर स्थित पुस्तकालयों में दर्शनीय स्थलों की सूची उनका में ऐतिहासिक महत्व भौगोलिक दूरी इत्यादि प्राप्त करने के लिए आते हैं उनके प्रश्नों का जवाब देने की जिम्मेदारी भी प्रस्तुत संदर्भ सेवा के कर्मचारियों की होती है



 स.नियमित पाठक- 


इनकी संख्या सर्वाधिक होती है

 जब कोई नया पाठक पुस्तकालय में आता है तो किताबों के अथाह समुद्र में वह आशा करता है कि कोई उसे पुस्तकालय के अनुभाग ,नियमों और प्रसूची का उपयोग विधि  या उनसे परिचय करवाएं यह पुस्तकालय में उपलब्ध विभिन्न संग्रहों के बारे में उसे जानकारी दे

 नए पाठक को इन बातों का परिचय देने का कार्य प्रस्तुत संदर्भ सेवा के द्वारा किया जाता है और इस कार्य को पुस्तकालय परिचयात्मक सेवा (ORIENTATION) या पुस्तकालय दीक्षा (INITIATION) के नाम से जाना जाता है



3.राष्ट्रीय मित्व्ययता


प्रस्तुत संदर्भ सेवा में लगभग एक ही प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं विशेषता सामरिक महत्व की घटनाएं जैसे ओलंपिक खेल किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार नोबेल पुरस्कार भारत रत्न परम वीर चक्र इत्यादि प्रस्तुत संदर्भ सेवा विभाग ऐसी घटनाओं के सभी पहलुओं से संबंधित प्रश्नों को पूर्वानुमान के आधार पर  खोज निकालता है एवं जब भी इन से संबंधित कोई प्रश्न पूछा जाता है तो बिना समय नष्ट किए जवाब दे दिया जाता है इससे शोधकर्ता उद्यमी व पुस्तकालय  को अनावश्यक श्रम व समय वह नहीं करना पड़ता है फल स्वरूप राष्ट्रीय उत्पादन में गिरावट नहीं आती है

 पूछे गए प्रश्नों का अभिलेख एक फाइल में रखा जाता है ताकि दोबारा उसी तरह का प्रश्न पूछा जाए तो समय नष्ट ना करना पड़े और सीधे फाइल से देखकर उसका जवाब दिया जा सके



प्रस्तुत संदर्भ सेवा प्रदान करने की विधि या तरीका क्या है?


पाठक को प्रश्नों के उत्तर पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ ग्रंथों से मात्र 30 मिनट में देने होते हैं इसलिए पुस्तकालय में विभिन्न संदर्भ ग्रंथों का संग्रह और सूचनाओं की जानकारी पुस्तकालय संदर्भ अध्यक्ष को होना आवश्यक है ताकि अति शीघ्र सूचना प्रदान की जा सके




  रंगनाथन ने प्रस्तुत संदर्भ सेवा प्रदान करने की विधि को तीन भागों में बांटा है 

  1. तैयारी
  2.  सेवा
  3.  समीकरण





 A.तैयारी-


प्रश्न पूछे जाने से पूर्व तैयारी करना इसमें तीन संदर्भ सामग्री आती है

1.नवीन संदर्भ ग्रंथ

2.संदर्भ ग्रंथों के नवीनतम संस्करण

संदर्भ विभाग को हमेशा अपडेट रहने के लिए सभी प्रकार के नवीनतम संदर्भ ग्रंथ और संस्करण पुस्तकालय में  रखें जाने चाहिए


3.अस्थायी पाठ्य सामग्री- यह स्थायी महत्व की नहीं होती है लेकिन अन्य ग्रंथों में उपलब्ध में होने के कारण संदर्भ सेवा प्रदान करने के लिए काफी सहायक होती है तात्कालिक विषयों पर सूचना प्राप्ति का यही एकमात्र साधन है जैसे समाचार पत्रों की कतरन विवरणिका है विज्ञापन फोल्डर टेंप्लेट इत्यादि क्योंकि स्थायी महत्व की नहीं होती है इसलिए वर्गीकृत व प्रसूची कृत करने की आवश्यकता नहीं होती फिर भी इनका संकलन चयन विषय अनुसार विभाजन किया जाता है पुस्तकालय में इन्हें खुले डिब्बों में रखा जाता है और पूरा ना होने पर नियमित रूप से हटा दिया जाता है


B..सेवा


 पाठक को तीन प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती है

 --तथ्य अन्वेषण के लिए प्रश्न कर्ताओं को प्रशिक्षित करना

 --प्रश्न कर्ता को स्वयं सेवा के लिए सही दिशा निर्देश देना

उक्त दोनों सेवाओं में प्रश्न कर्ता को संदर्भ ग्रंथों की प्रयोग विधि से परिचय कराया जाता है ताकि अपनी सूचना स्वयं खोज सकें 

--प्रश्न कर्ता को सही सूचना देना


C. समीकरण 


 संदर्भ पुस्तकालय अध्यक्ष को बार-बार पूछे गए प्रश्नों व उत्तरों को याद रखना चाहिए हालांकि सतत अभ्यास वर्अनुभव से वह संदर्भ ग्रंथों की जटिलताओं उनके उपयोग से परिचित हो जाता है फिर भी वह किसी प्रश्न का उत्तर खोजने में असहज हो तो अपने सहयोगियों से विचार कर सकता है

और संदर्भ प्रश्न अनुत्तरित रह जाता है तो उसका कारण भी उल्लेख किया जाना चाहिए 


पुस्तकालय - संदर्भ सेवा

 पुस्तकालय - संदर्भ सेवा


Library and Information Science  
Reference Service - NEED AND PURPOSE


संदर्भ सेवा का मुख्य उद्देश्य पाठक व पाठ्य सामग्री में संपर्क स्थापित करना है जिससे अधिक से अधिक पाठक पुस्तकालय में आए और पुस्तकालय के सदस्यों में वृद्धि हो और लोकप्रियता में भी वृद्धि हो

संदर्भ सेवा क्या है? 



व्यक्तिगत सेवा के माध्यम से उपयुक्त पाठक और उपयुक्त पुस्तक के बीच ठीक समय पर संपर्क स्थापित करना संदर्भ सेवा है 


पुस्तकालय की पाठ्य सामग्री का उपयोग करने में पाठक को दी गई व्यक्तिगत सेवा 


यह सेवा शीघ्र प्रदान की जाती है 


पाठक के प्रश्नों को समझ कर सही पाठ्य सामग्री देने में सहायक है और सभी पाठक को समान रूप से सेवा दी जाती है चाहे वह किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आया हो


 संदर्भ सेवा की परिभाषा विलियम बी चाइल्ड ने दी उनके अनुसार -- संदर्भ कार्य से तात्पर्य पुस्तकालय अध्यक्ष द्वारा पाठक को सूची की जटिलता से परिचित कराने में प्रश्नों के उत्तर देने में और संक्षेप में उपलब्ध साधनों को प्राप्त करने में दी गई सेवा ही संदर्भ सेवाएं है

 

मार्गरेट हूं चिन्सकी परिभाषा के अलावाअन्य किसी भी परिभाषा में व्यक्तिगत सेवा की भावना को व्यक्त नहीं किया गया है 



 संदर्भ सेवा की आवश्यकता एवं उद्देश्य



 पुस्तकालय के तीन काम है


  1.  पुस्तकों का संग्रह व उनकी सुरक्षा करना  जैसे आग पानी कीड़े मानव से सुरक्षा
  2.  पाठक द्वारा मांग किए जाने पर हमें पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना
  3.  आसपास के लोगों को पुस्तकालय की तरफ आकर्षित करना और उन्हें पुस्तक प्रेमी तथा पढ़ने के लिए प्रेरित करना


रंगनाथन के अनुसार सभी तकनीकियो के बावजूद पाठकों को पाठ्य सामग्री खोजने के लिए मानवीय आवश्यकता पड़ती है जिस के मुख्य कारण हैं----



 ग्रंथों की कृत्रिमता-


पुस्तकों की रचना विधि और उनका व्यवस्थापन शरण और जटिल दोनों प्रकार का हो सकता है इसी कृत्रिमता को बताने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता होती है

 सामान्य पाठक पुस्तक की महत्ता और उसमें निहित मूल्यवान विचारों को तब तक नहीं समझ सकता जब तक उसके लिए कोई व्यक्तिगत प्रयास नहीं किया जाए व्यक्तिगत सहायता से कृत्रिमता  दूर हो जाती है और सजीव से लगने लगते हैं  उसमे वर्णित विषय से पाठक परिचित हो जाता है आसान शब्दों में कहें तो पाठक को किताब में क्या सामग्री दी गई है इसके बारे में समझ हो जाती है और उसे वह रुचिकर लगने लगते हैं


 पुस्तकालय सूची और वर्गीकृत व्यवस्थापन पद्धति की कृत्रिमता--


पुस्तकालय के सारे संग्रह की जानकारी देने के लिए पुस्तकालय सूची का निर्माण किया जाता है जिसमें बहुत सारी तकनीकी सिद्धांतों के आधार पर सूची का निर्माण होता है जिससे पाठक को समझने में असुविधा होती है इन सूचियों में लेखक का नाम उपनाम पूर्व नाम मुख्य नाम क्रम से लिखना होता है सूची का पूर्ण सदुपयोग हो सके इसके लिए है पाठकों को व्यक्तिगत सहायता द्वारा इस सूची से परिचित कराया जाए जैसे कितने प्रकार के संलेख है उनकी क्या उपयोगिता है व्यवस्थापन कैसे किया जाता है यह कार्य भी संदर्भ सेवा का एक अंग है


 मनोवैज्ञानिक आवश्यकता--


प्रत्येक पाठक की प्रवृत्ति अलग-अलग होती है और प्रत्येक पुस्तकालय का व्यवस्थापन अलग अलग होता है इसलिए नया पाठक जब किसी पुस्तकालय में आता है तो अजनबी महसूस करता है यदि उनका मार्गदर्शन और सहायता तुरंत कि जाए तो सभी प्रकृति के पाठक पुस्तकालय में आएंगे और वे सहज महसूस करेंगे




 संदर्भ सेवा के कार्य



 निरीक्षणात्मक-

पाठकों को अध्ययन के लिए उपलब्ध सुविधा का उपयुक्त संगठन हो

 

सूचनात्मक कार्य-

पाठक द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब देना पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ स्रोतों एवं उनमें उपलब्ध सूचना की जानकारी देना


 मार्गदर्शनात्मक कार्य-

पाठक को व्यवसाय जीवन यापन पढ़ाई इत्यादि के लिए मार्गदर्शन करना और उचित पठनीय पुस्तक के चयन करने में सहायता प्रदान करना


 निर्देशात्मक कार्य-

पाठक को पुस्तकालय में उपलब्ध प्रसूची,संदर्भ ग्रंथ, सेवाओं ,सुविधाओं और पुस्तकालय प्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान करना


ग्रंथात्मक कार्य-

पाठक की आवश्यकता के अनुसार ग्रंथ सूची तैयार करना ताकि पाठक अपने विषय के हिसाब से जानकारी प्राप्त कर सकें


Long range reference service - व्याप्त संदर्भ सेवा क्या है ?

Types of Reference Service-संदर्भ सेवा के प्रकार


 

Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा
Long range reference service - व्याप्त संदर्भ सेवा


 

Long range reference service - व्याप्त संदर्भ सेवा क्या है ?


  • पुस्तकालय में कुछ प्रश्न ऐसे पूछे जाते हैं जिनका उत्तर देने में काफी अधिक समय तथा उपलब्ध संदर्भ ग्रंथों के अतिरिक्त अन्य ग्रंथ शोध ग्रंथ पत्र पत्रिकाएं या अन्य साहित्य व विषय विशेषज्ञों की आवश्यकता पड़ती है ऐसे प्रश्नों के उत्तर व्याप्त संदर्भ सेवा के द्वारा दिए जाते हैं


  • बढ़ते हुए वैज्ञानिक व तकनीकी अनुसंधान  की वजह से विषय की जटिलताओं में लगातार वृद्धि हो रही है इन्हीं जटिलताओं ने व्याप्त संदर्भ सेवा की आवश्यकता को जन्म दिया है जो बीसवीं शताब्दी की देन है


  •  व्याप्त संदर्भ सेवा का लक्ष्य किसी भी तरह प्रश्न कर्ता को उसकी सूचना उपलब्ध करवाना है



व्याप्त संदर्भ सेवा की परिभाषा क्या है?


 व्याप्त संदर्भ सेवा को समय तत्व, स्रोत सामग्री व प्रश्न की प्रकृति के हिसाब से परिभाषित किया जा सकता है


  • समय तत्व- व्याप्त संदर्भ सेवा में उत्तर देने के लिए काफी समय लग सकता है समय का कोई निश्चित सीमा नहीं है यह 30 मिनट से कम भी हो सकता है और कई दिन भी लग सकते हैं


  •  स्रोत तत्व- प्रस्तुत संदर्भ सेवा के इतर परंपरागत संदर्भ ग्रंथों के अतिरिक्त शोध ग्रंथ सामान्य ग्रंथ और अस्थाई पाठ्य सामग्री जैसे समाचार पत्र की कतरन, विवरणिका और परंपरागत सामग्री जैसे ग्रामोफोन रिकॉर्ड एप्स नक्शे चार्ट फिल्म हस्तलिखित ग्रंथ इत्यादि का प्रयोग भी किया जा सकता है इसमें न केवल पुस्तकालय में उपलब्ध सामग्री बल्कि बाहर या अन्य पुस्तकालय या विदेशी पुस्तकालय में उपस्थित सामग्री का उपयोग किया जा सकता है



  •  सूचना की प्रकृति


 प्रस्तुत संदर्भ सेवा में मांगी गई सूचना तथ्यात्मक होती है परंतु व्याप्त संदर्भ सेवा में प्रश्न जटिल व विस्तृत होते हैं और उनका विषय अनुसंधानात्मक होता है उन प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए विस्तृत और सतत खोज की विधि अपनाई जाती है प्रश्नों की जटिलता के निम्न कारण हो सकते हैं

  • विषय का विस्तार 

  • अत्यंत नवीन अथवा पुराने विषय

  • भारतीय विषय 

  • जानकारी का विदेशी भाषा के ग्रंथों में निहित होना







व्याप्त संदर्भ सेवा की आवश्यकता क्या है?


विश्व में प्रकाशित लेखों में से मात्र एक तिहाई ही पत्रिकाओं में लेख बद हो पाते हैं दो तिहाई लेख बिना छपे रह जाते हैं और वैज्ञानिक उनके उपयोग से वंचित हो जाते हैं अतः पाठकों के मार्गदर्शन , ग्रंथ और सूचना प्राप्ति हेतु व्याप्त संदर्भ सेवा का होना अति आवश्यक है



व्याप्त संदर्भ सेवा प्रदान करने की विधि क्या है?


 प्रक्रिया को तीन भागों में विभाजित करते हैं

  •  तैयारी 

  •  सेवा 

  •  समीकरण


1.तैयारी


 व्याप्त संदर्भ सेवा में अधिकतर विषयों से गहन प्रश्न पूछे जाते हैं इसलिए संदर्भ सहायकों को विभिन्न विषयों का ज्ञान होना चाहिए उन्हें मान्यता प्राप्त लेखकों के ग्रंथों का अध्ययन करना चाहिए और सामान्य ज्ञान की जानकारी होनी चाहिए 

विषयों के अंतर संबंध के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए

 पुस्तकालय के सामान्य ग्रंथ संग्रह का भी पूर्ण ज्ञान संदर्भ सहायक को होना चाहिए




 2.सेवा 


प्रश्नकर्ता को संतुष्ट करना ही सेवा है यह 3 चरणों में संपन्न की जाती है 

  • अभीष्ट प्रश्न या उसके विषय को अच्छी तरह समझना 

  • साहित्य की खोज करना 

  • प्रश्नकर्ता को अभीष्ट साहित्य अथवा उत्तर प्रदान करना


3.समीकरण


पुस्तकालय अध्यक्ष को विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले नवीन विकास की जानकारी होनी चाहिए अपडेट रहना चाहिए समय-समय पर अपने सहयोगियों के साथ अनुभवों को बांटना चाहिए राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्रों से संबंध बनाए रखना चाहिए प्रत्येक प्रश्न की खोज को लेख बंद किया जाना चाहिए अनुत्तरित प्रश्नों के कारण का भी उल्लेख करना चाहिए


राजस्थान की भैंस वंशीय नस्लें

 राजस्थान की भैंस वंशीय नस्लें





1.मुर्रा भैस


शारीरिक विशेषताएँ -

  1. देशभर में पाई जाने वाली भैसों की नस्लों में यह नस्ल अधिक दूध देने के लिए प्रसिद्ध है।
  2. पशुओं का रंग गहरा काला।
  3. पूँछ पर काले बाल, झब्ये के बीच में कुछ सफेद बाल भी होते हैं।
  4. भैंस की आँखे चमकीली और छोटी
  5. दूध में वसा की मात्रा 7-8 प्रतिशत होने के कारण घी निकलता है।
  6. पीठ चौडी. एव सिर उभरा हुआ
  7. सींग गोल तथा घुमावदार
  8. कान छोटे, पतले व लटके हुए
  9. मैसों में गर्दन लम्बी और पतली और नर पशुओं में छोटी एवं अधिक मोटी व मजबूत



2.सूरती भैंस


शारीरिक विशेषताएँ -


  1. भैंस का मूल स्थान गुजरात
  2. निर लम्बा-चौडा एवं सींगों के बीच गोलाकार
  3. कान छोटे तथा उनके अन्दर की त्वचा लाल होती हैं।
  4. राजस्थान में यह नस्ल उदयपुर के आसपास व दक्षिण भाग में पाई जाती हैं।
  5. सूरती मेस की टागे अन्य नस्लों की अपेक्षा छोटी
  6. आले गोल एवं उमरी हुई होती है।
  7. सींग आकार में दरातीनुमा






संदर्भ सेवा तथा सूचना सेवा

 संदर्भ सेवा तथा सूचना सेवा में संबंध/अंतर

 परंपरागत संदर्भ सेवा में पाठक को व्यक्तिगत सहायता द्वारा पुस्तकालय में उपलब्ध सूचनाओं को प्रदान करने में सहायता की जाती थी जबकि नए युग में संदर्भ सेवा आधुनिक स्वरूप प्रदान प्राप्त कर चुकी है वास्तव में परंपरागत संदर्भ सेवा को ही वर्तमान सूचना सेवा कहा जा सकता है लेकिन दोनों में प्रमुख अंतर यह है कि संदर्भ सेवा मांग करने पर मानवीय सेवा द्वारा सूचना उपलब्ध कराती है जबकि सूचना सेवा यांत्रिक विधियों के द्वारा नवीन सूचनाओं से अवगत कराती है




 आसान शब्दों में कहें तो संदर्भ सेवा संदर्भ सहायक या मनुष्य द्वारा प्रदान की जाती है जबकि सूचना सेवा में यंत्रीकरण का प्रयोग होता है इसलिए संदर्भ सेवा मानवीय सेवाएं है जबकि  सूचना सेवा यंत्र सेवा है



 वर्तमान में संदर्भ सेवा में सूचना सेवा को एकदम से अलग अलग नहीं किया जा सकता है संदर्भ सेवा का आधुनिक स्वरूप ही सूचना सेवा है.


 संदर्भ सेवा में पाठक की जिज्ञासा या मांग पर व्यक्तिगत तौर पर सहायता प्रदान की जाती है  जब कि सूचना सेवा में उनकी भविष्य की आवश्यकताओं पर विचार कर सूचना इकट्ठे की जाती है और उसे हमेशा अपडेट रखा जाता है


गौवंश की प्रमुख विदेशी नस्लें

गौवंश की प्रमुख विदेशी नस्लें 





रेडडेन


शारीरिक विशेषताएँ -



  1. रंग गहरा लाल अथवा गहरा भूरा
  2. पीठ में हल्का सा झुकाव होता है।
  3. सिर चोडा एवं मुह पतला
  4. शरीर भारी व बड़ा

जर्सी


शारीरिक विशेषताएँ -

  1. रंग भूरा अथवा लाल भूरा
  2. रीड की हडडी सीधी एवं सिर चौड़ा व तस्तरीनुमा
  3. गायों में अयन विकसित
  4. सींग आगे की तरफ मुड़े हुएँ. मध्यम आकार के


होलेस्टीन फिजियन


शारीरिक विशेषताएँ -


  1. मुख्यतः जयपुर, अजमेर शहरी क्षेत्रों में पाये जाते हैं।
  2. पीठ की हडडी बिल्कुल सीधी होती है, झुकाव नहीं
  3. सिर चौडा व मजबूत
  4. रंग काले एवं सफेद रंग के भिन्न-भिन्न अनुपात के धब्बों वाला
  5. शरीर बड़ा व भारी तथा गादी विकसित होती हैं।





पशुओं को दलहनी हरा चारा खिलाने का महत्व


पशुओं को दलहनी हरा चारा खिलाने का विशेष
महत्व है क्योंकि  ये अन्य चारे की अपेक्षा उच्च
 गुणवत्ता वाले होते हैं।


 दलहनी हरे चारे की मुख्य विशेषताएं है -


  1. अन्य हरे चारे की अपेक्षा बहुत अधिक प्रोटीन होती है अत: इन्हें खिलाने पर प्रोटीन युक्त सान्द आहार बहुत कम देना पड़ता है
  2. धूप में सुखाकर बनाई गई दलहनी HEY मे काफी मात्रा में विटामिन डी" होता है
  3. दलहनी चारे में राइबोक्लेविन, नियासिन एवं विटामिन ई भी पर्याप्त मात्रा में होता है।
  4. दलहनी चारे को अन्य चारे के साथ लगाने पर दे अन्य चारे की उपज एवं प्रोटीन की मात्रा बढ़ाते हैं।
  5. इनमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है
  6. दलहनी HEY एवं साइलेज में विटामिन ए काफी मात्रा में होता है।
  7. मिट्टी की उर्वरकता बनाये रखने में अत्यन्त उपयोगी

भारत में महिलाएं और मानसिक स्वास्थ्य - एक संक्षिप्त विवरण

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