यूपीएससी की तैयारी कैसे करें- महत्वपूर्ण जानकारी
किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए उस परीक्षा को जानना समझना बहुत
आवश्यक है| उसके सभी पहलुओं को अच्छी तरह समझना
परीक्षा को पास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
परीक्षा चाहे किसी भी स्तर की हो बिना उसके बारे में जाने हम उस
परीक्षा में कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं चाहे वह परीक्षा कम समय व कम तैयारी
मांगती हो और आजकल के इस भयंकर प्रतियोगिता के स्तर पर बिना गंभीर तैयारी के किसी भी परीक्षा में सफल नहीं हो पाएंगे|
यूपीएससी की परीक्षा पास करने पर आईएएस,आईपीएस व आईएफएस जैसे
महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की जाती है और चूँकि इन पदों पर काम करने वाले
व्यक्ति में बहुत गुणों की आवश्यकता होती है यह देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाते हैं इसलिए यह यूपीएससी का नैतिक दायित्व है कि
परीक्षा का ढांचा इस तरह का हो कि चयनित व्यक्ति इन पदों पर नियुक्त होने के बाद
आने वाली चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना कर सके|
इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए यूपीएससी एक गंभीर स्तर की
परीक्षा का आयोजन करती है जिसे सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन कहा जाता है यह देश की
सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है और यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है क्योंकि देश के
प्रत्येक क्षेत्र से सभी होनहार छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं जो इस परीक्षा
की कठिनाई को और भी कठिन बनाते हैं इसलिए इस परीक्षा को देने से पहले अगर अपने को
तैयार कर लें और कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखें तो हम इस परीक्षा को जरूर
पास कर लेंगे|
इस परीक्षा के तकनीकी पहलुओं से रूबरू होने से पहले हम पहले यह जान
लेते हैं कि इस तैयारी कि जो यात्रा हम शुरू करने वाले हैं क्या उसके लिए हम
मानसिक रूप से भी तैयार हैं हो सकता है कि इसके
तकनीकी पहलुओं से पहले से जानकार हो जैसे कि प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा और
साक्षात्कार कितने अंकों की यह परीक्षा होती है प्रारंभिक परीक्षा के अंक अंतिम
चयन में कोई योगदान नहीं देते हैं प्रारंभिक परीक्षा में भी 2 पेपर होते हैं मुख्य परीक्षा में 1 ऐच्छिक विषय होता है इत्यादि बातों की चर्चा हम बाद में करेंगे पहले हम उन बिंदुओं को
ध्यान में रखेंगे जो परीक्षा की तैयारी करने से भी ज्यादा बड़ी चुनौतियां हैं
क्योंकि युद्ध में जाने से पहले अगर हम अपनी तलवार की धार को उच्चस्तरीय बना ले तो
युद्ध में हमें आसानी होती है
1.स्वयं से सवाल करें क्या मानसिक रूप से तैयार हैं?
यह सवाल इसलिए नहीं है कि इस परीक्षा से डरें बल्कि इसलिए है कि इस
परीक्षा को अच्छी तरह से पूर्ण करें और सफल हो क्योंकि रास्ते में आने वाली कठिनाई
को अगर हम पहले से जान लेते हैं तो उनका समाधान ढूंढने में हमें आसानी होती है और
हम दूसरे लोगों से या अन्य प्रतिभागियों से अच्छे स्तर पर होते हैं|
मानसिक रूप से तैयार होने का मतलब यह है कि यह एक लंबी परीक्षा है
इसमें लगभग 1 वर्ष का समय पूर्ण होने में लगता है
प्रारंभिक परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक इसके अलावा 6 माह या 1 साल का समय प्रारंभिक परीक्षा से पहले
तैयारी के लिए आवश्यक है|
इसलिए सबसे पहले दृढ़ निश्चय हो व स्वयं से ईमानदार हो लंबे समय तक कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित हो अपना मन बना ले कि हमें यह परीक्षा उत्तीर्ण ही करनी है उससे कम स्वीकार
नहीं है जब तक यह निश्चयनहीं कर लेंगे तब तक असमंजस
की स्थिति में रहेंगे|
स्वंय से कहे हां मैं कर सकता हूं और मैं इसे अवश्य ही करूंगा|
2. परीक्षा की रूपरेखा से भली भांति परिचित रहे
परीक्षा की तैयारी शुरू करें उससे पहले परीक्षा के तकनीकी पहलुओं को
बारीकी से समझ ले जान ले ताकि बीच में कोई मलाल ना रहे कि यह गलती हो गयी जैसे कि ऐच्छिक विषय का पहलू ऐच्छिक विषय
सुनिश्चित करने से पहले सौ बार सोच लें जी हां मैं सही कह रहा हूं सौ बार सोच ले
लेकिन एक बार निश्चित करने के बाद अपने विश्वास को न डगमगाए क्योंकि इससे न घर के
रहेंगे ना घाट के|
परीक्षा की विस्तृत रूपरेखा के बारे में जानने के लिए प्रतिवर्ष जारी
होने वाली विज्ञप्ति को अवश्य रूप से पढ़ें पुरानी विज्ञप्ति के सहारे ना रहे
क्योंकि कुछ छोटी-छोटी बारीकियां हो सकता है छूट जाए कुछ नया अपडेट हुआ हो|
विज्ञप्ति को पढ़ने से को यह
जानकारी होगी की मुख्य परीक्षा कितने भागों में होती है कब कब यह परीक्षा होगी
जैसे सामान्य अध्ययन के दो पेपर 1 दिन होते हैं यानी कि 2 दिन तक लगातार 12 घंटे तक लिखना पड़ेगा इसीलिए इस परीक्षा
में लिखने का अभ्यास पर इतना जोर दिया जाता है|
3. पाठ्यक्रम कंठस्थ होना चाहिए
इस परीक्षा में सफल होने के लिए इस परीक्षा का पाठ्यक्रम कंठस्थ होना
चाहिए इसका एक उदाहरण यह है कि कभी-कभी पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछ लिया जाता है
पाठ्यक्रम याद होने के निम्न फायदे
जब अखबार पढ़ेंगे तो
पाठ्यक्रम के कीवर्ड्स याद होंगे और अखबार में जब वह देखेंगे तो उसे गंभीरता से पढ़ेंगे और नोट कर लेंगे इसका एक फायदा और है अखबार पढ़ने में कम समय लगेगा
आजकल यूपीएससी का प्रश्न पूछने का ढंग इंटर डिसीप्लिनरी हो गया है
इसका मतलब यह है की भूगोल से संबंधित विषय इतिहास में और इतिहास से संबंधित विषय
में राजनीति विज्ञान में प्रश्न पूछा जा सकता है और उन्हीं प्रश्नों में सही जवाब तभी
लिख सकते हैं जब विषयों का इंटर
डिसीप्लिनरी अध्ययन करें|
इसलिए gs2 का कोई टॉपिक या कीवर्ड अगर gs1 से संबंधित कोई विषय पढ़ रहे हैं वहां मिले तो उसे रिलेट करने की कोशिश करें और याद रखें और यह सब तभी कर पाएंगे जब पाठ्यक्रम
बिल्कुल अच्छी तरह से याद होगा और इस बारे में पूर्व में भी सभी सफल अभ्यर्थियों ने कहा है|
4. अनुशासित रहे
अनुशासन जीवन में बहुत जरूरी है इसके लिए किसी परीक्षा की तैयारी को
आधार बनाना तो वैसे भी गलत है यदि अनुशासित नहीं है तो इस
परीक्षा में तो क्या किसी भी परीक्षा में सफल नहीं हो सकती अनुशासित होने का मतलब
यह नहीं है कि अपने जीवन को घंटों में बांट लें अनुशासित रहने का मतलब यह है लक्ष्य
के प्रति सजग रहें निरंतरता बनाए रखें ऐसा ना हो कि 1 दिन 24 घंटे पढ़े और दूसरे दिन 24 घंटे सो जाएं इसका मतलब यह है की अनुशासित और संतुलित जीवनचर्या हो
क्योंकि लंबे समय तक वही कारगर है यह बिल्कुल असंभव है इस परीक्षा की दृष्टि से कि
6 महीने या 2 महीने पहले पढ़कर इस परीक्षा में सफल हो
जाए
क्योंकि यह बड़ी परीक्षा है इसलिए 7 दिन का या महीने भर का या 1 दिन का अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूर्ण करने का प्रयास करें
और यह एप्टिट्यूड पर रूचि पर मनोविज्ञान पर परिस्थितियों पर निर्भर करता है यह
प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रत्येक प्रतियोगी के लिए प्रत्येक परिस्थिति में हर
व्यक्ति के लिए अलग है यह बार-बार कहा जाता है कि हर व्यक्ति अलग है एक ही रणनीति
एक ही समय सारणी एक ही तरह का अनुशासन समान रूप से सभी व्यक्तियों पर लागू नहीं हो
सकता
5.अध्ययन सामग्री का सही चुनाव
अध्ययन सामग्री का चुनाव परीक्षा की तैयारी से पहले ही कर ले छोटा
मोटा फेरबदल किया जा सकता है लेकिन आमूलचूल परिवर्तन की संभावना कम ही रहती है और अगर
ऐसा करने का प्रयास करेंगे तो सफलता के चांसेस कम हो जाएंगे
अध्ययन सामग्री का चुनाव करने से पहले 10 बार सोच सकते हैं सलाह ले सकते हैं एक बार सामान्य रूप से पढ़ सकते
हैं लेकिन यदि एक बार अध्ययन सामग्री का अंतिम चयन कर लिया है तो उस पर अडिग रहें
और उसके रिवीजन पर ही ध्यान दें क्योंकि सिर्फ 100 किताबें पढ़नी ही नहीं है उन्हें याद भी
रखना है ताकि उनको मुख्य परीक्षा में लिख सकें और केवल मात्र लिख ना सके उन्हें
अच्छी तरह से प्रस्तुत कर सकें
इसी तरह की रणनीति ऐच्छिक विषय का चुनाव करने से पहले भी रखनी
चाहिए|
ऐच्छिक विषय को चुनने से पहले सभी पहलुओं पर ध्यान दें जैसे क्या वह रुचि का विषय है और उसमें अध्ययन सामग्री उपलब्ध है|
6.पूर्व प्रश्नपत्रों का गंभीर अध्ययन
यूपीएससी द्वारा पूर्व में पूछे गए प्रश्न पत्रों का अच्छी तरह से
अध्ययन कर लें और यह जानने का प्रयास करें कि किस तरह के प्रश्न इस परीक्षा में
पूछे जाते हैं और हो सके तो सफल अभ्यर्थियों की लिखे गए उतरो का भी अध्ययन कर सकते
हैं जो कि इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है इससे उनकी लेखन शैली के बारे में समझ
पाएंगे और लेखन शैली में भी सुधार कर सकते हैं
पूर्व प्रश्न पत्रों के अध्ययन से पेपर की रूपरेखा के बारे में
जानकारी प्राप्त होती है अंको के विभाजन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है एक
पेपर में किस तरह के प्रश्न और कितने प्रश्न हमें लिखने हैं|
7. स्वयं के नोट्स बनाएं
एक बहुत ही प्रचलित कहावत है कि जिसे स्वर्ग जाना है उसे स्वयं को ही
मृत्यु का आलिंगन करना होगा आसान शब्दों में कहें तो मेहनत को ही करनी होगी यदि को यूपीएससी क्लियर करना है तो
नोट्स बनाने का यहां महत्व यह है कि यूपीएससी का जो पाठ्यक्रम है
बहुत ही विस्तृत है इसलिए रिवीजन तो उन्हें उन्हीं सारी नोटबुक को पढ़ना समझदारी भरा निर्णय नहीं यह बहुत ज्यादा समय लेगा इसलिए स्मार्ट स्टडी की आवश्यकता है एक बार
अच्छे से नोट्स बनाएं और बार-बार उनका रिवीजन करें|
8. उत्तर लेखन का अभ्यास निरंतर करें
मुख्य परीक्षा लिखित परीक्षा होती है जिसमें बहुत से प्रश्नों का
जवाब लिखना होता है इन प्रश्नों के जवाब अच्छी तरह से लिखने के लिए उत्तर लेखन का
निरंतर अभ्यास करना जरूरी है|
लिखने का अभ्यास यदि निरंतर करते हैं तो लिखने की गति है च्छी रहेगी
अन्यथा कुछ प्रश्न छूट जाएंगे|
लिखने के निरंतर अभ्यास से के
हाथ और मस्तिष्क का समन्वय शानदार हो जाएगा इसका महत्व हैंड - आई कोआर्डिनेशन जो कि क्रिकेट में इस्तेमाल होता
है उससे समझ सकते हैं|
9. साक्षात्कार के लिए अपने व्यक्तित्व पर काम करें
साक्षात्कार की जानकारी का परीक्षण नहीं करता है वह तो मुख्य परीक्षा
में पहले ही किया जा चुका है साक्षात्कार व्यक्तित्व का परीक्षण करता है जिसे
रातों-रात नहीं बदल सकते साक्षात्कार में सफल होने के लिए व्यक्तित्व पर शुरू से
ही ध्यान देवें|
स्वॉट swot एनालिसिस करें यानी कि अपनी स्ट्रैंथ ,वीकनेस ,अपॉर्चुनिटी और थ्रेट के बारे में जाने| visit upsc official website for more info