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यूपीएससी की तैयारी कैसे करें- महत्वपूर्ण जानकारी

यूपीएससी की तैयारी कैसे करें- महत्वपूर्ण जानकारी

 

 किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए उस परीक्षा को जानना समझना बहुत आवश्यक है| उसके सभी पहलुओं को अच्छी तरह समझना परीक्षा को पास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

 

परीक्षा चाहे किसी भी स्तर की हो बिना उसके बारे में जाने हम उस परीक्षा में कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं चाहे वह परीक्षा कम समय व कम तैयारी मांगती हो और आजकल के इस भयंकर प्रतियोगिता के स्तर पर बिना गंभीर तैयारी के  किसी भी परीक्षा में सफल नहीं हो पाएंगे|

 

 यूपीएससी की परीक्षा पास करने पर आईएएस,आईपीएस व आईएफएस जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की जाती है और चूँकि इन पदों पर काम करने वाले व्यक्ति में बहुत गुणों की आवश्यकता होती है यह देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए यह  यूपीएससी का नैतिक दायित्व है कि परीक्षा का ढांचा इस तरह का हो कि चयनित व्यक्ति इन पदों पर नियुक्त होने के बाद आने वाली चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना कर सके|

 

  इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए यूपीएससी एक गंभीर स्तर की परीक्षा का आयोजन करती है जिसे सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन कहा जाता है यह देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है और यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है क्योंकि देश के प्रत्येक क्षेत्र से सभी होनहार छात्र इस परीक्षा में भाग लेते हैं जो इस परीक्षा की कठिनाई को और भी कठिन बनाते हैं इसलिए इस परीक्षा को देने से पहले अगर अपने   को तैयार कर लें और कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखें तो हम इस परीक्षा को जरूर पास कर लेंगे|

 

इस परीक्षा के तकनीकी पहलुओं से रूबरू होने से पहले हम पहले यह जान लेते हैं कि इस तैयारी कि जो यात्रा हम शुरू करने वाले हैं क्या उसके लिए हम मानसिक रूप से भी तैयार हैं हो सकता है कि   इसके तकनीकी पहलुओं से पहले से जानकार हो जैसे कि प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार कितने अंकों की यह परीक्षा होती है प्रारंभिक परीक्षा के अंक अंतिम चयन में कोई योगदान नहीं देते हैं प्रारंभिक परीक्षा में भी 2 पेपर होते हैं मुख्य परीक्षा में 1 ऐच्छिक विषय होता है  इत्यादि बातों की चर्चा हम बाद में करेंगे पहले हम उन बिंदुओं को ध्यान में रखेंगे जो परीक्षा की तैयारी करने से भी ज्यादा बड़ी चुनौतियां हैं क्योंकि युद्ध में जाने से पहले अगर हम अपनी तलवार की धार को उच्चस्तरीय बना ले तो युद्ध में हमें आसानी होती है 

 

1.स्वयं से सवाल करें क्या मानसिक रूप से तैयार हैं?

 


 यह सवाल इसलिए नहीं है कि इस परीक्षा से डरें बल्कि इसलिए है कि इस परीक्षा को अच्छी तरह से पूर्ण करें और सफल हो क्योंकि रास्ते में आने वाली कठिनाई को अगर हम पहले से जान लेते हैं तो उनका समाधान ढूंढने में हमें आसानी होती है और हम दूसरे लोगों से या अन्य प्रतिभागियों से अच्छे स्तर पर होते हैं|

 मानसिक रूप से तैयार होने का मतलब यह है कि यह एक लंबी परीक्षा है इसमें लगभग 1 वर्ष का समय पूर्ण होने में लगता है प्रारंभिक परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक इसके अलावा 6 माह या 1 साल का समय प्रारंभिक परीक्षा से पहले तैयारी के लिए आवश्यक है|

 इसलिए सबसे पहले दृढ़ निश्चय हो  व स्वयं से ईमानदार हो  लंबे समय तक कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित हो  अपना मन बना ले कि हमें यह परीक्षा उत्तीर्ण ही करनी है उससे कम स्वीकार नहीं है  जब तक यह निश्चयनहीं कर लेंगे तब तक असमंजस की स्थिति में रहेंगे

स्वंय से कहे हां मैं कर सकता हूं और मैं इसे अवश्य ही करूंगा|

 

2. परीक्षा की रूपरेखा से भली भांति परिचित रहे

 

  परीक्षा की तैयारी शुरू करें उससे पहले परीक्षा के तकनीकी पहलुओं को बारीकी से समझ ले जान ले ताकि बीच में कोई मलाल ना रहे कि यह गलती हो गयी  जैसे कि ऐच्छिक विषय का पहलू ऐच्छिक विषय सुनिश्चित करने से पहले सौ बार सोच लें जी हां मैं सही कह रहा हूं सौ बार सोच ले लेकिन एक बार निश्चित करने के बाद अपने विश्वास को न डगमगाए क्योंकि इससे न घर के रहेंगे ना घाट के|

 

परीक्षा की विस्तृत रूपरेखा के बारे में जानने के लिए प्रतिवर्ष जारी होने वाली विज्ञप्ति को अवश्य रूप से पढ़ें पुरानी विज्ञप्ति के सहारे ना रहे क्योंकि कुछ छोटी-छोटी बारीकियां हो सकता है छूट जाए कुछ नया अपडेट हुआ हो|

 विज्ञप्ति को पढ़ने से  को यह जानकारी होगी की मुख्य परीक्षा कितने भागों में होती है कब कब यह परीक्षा होगी जैसे सामान्य अध्ययन के दो पेपर 1 दिन होते हैं यानी कि 2 दिन तक लगातार 12 घंटे तक लिखना पड़ेगा इसीलिए इस परीक्षा में लिखने का अभ्यास पर इतना जोर दिया जाता है|

 

3. पाठ्यक्रम कंठस्थ होना चाहिए

 

 इस परीक्षा में सफल होने के लिए इस परीक्षा का पाठ्यक्रम कंठस्थ होना चाहिए इसका एक उदाहरण यह है कि कभी-कभी पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछ लिया जाता है पाठ्यक्रम याद होने के निम्न फायदे

 जब  अखबार पढ़ेंगे तो पाठ्यक्रम के कीवर्ड्स याद होंगे और अखबार में जब वह  देखेंगे तो उसे गंभीरता से पढ़ेंगे और नोट कर लेंगे  इसका एक फायदा और है अखबार पढ़ने में कम समय लगेगा 

आजकल यूपीएससी का प्रश्न पूछने का ढंग इंटर डिसीप्लिनरी हो गया है इसका मतलब यह है की भूगोल से संबंधित विषय इतिहास में और इतिहास से संबंधित विषय में राजनीति विज्ञान में प्रश्न पूछा जा सकता है और उन्हीं प्रश्नों में सही जवाब तभी लिख सकते हैं जब विषयों का  इंटर डिसीप्लिनरी अध्ययन करें|

 इसलिए gs2 का कोई टॉपिक या कीवर्ड अगर   gs1 से संबंधित कोई विषय पढ़ रहे हैं वहां मिले तो उसे  रिलेट करने की कोशिश करें और याद रखें  और यह सब तभी कर पाएंगे जब पाठ्यक्रम बिल्कुल अच्छी तरह से याद होगा और इस बारे में पूर्व में भी सभी  सफल अभ्यर्थियों ने कहा है|






4. अनुशासित रहे

 


 अनुशासन जीवन में बहुत जरूरी है इसके लिए किसी परीक्षा की तैयारी को आधार बनाना तो वैसे भी गलत है यदि   अनुशासित नहीं है तो   इस परीक्षा में तो क्या किसी भी परीक्षा में सफल नहीं हो सकती अनुशासित होने का मतलब यह नहीं है कि अपने जीवन को घंटों में बांट लें अनुशासित रहने का मतलब यह है लक्ष्य के प्रति सजग रहें निरंतरता बनाए रखें ऐसा ना हो कि 1 दिन 24 घंटे पढ़े और दूसरे दिन 24 घंटे सो जाएं इसका मतलब यह है की अनुशासित और संतुलित जीवनचर्या हो क्योंकि लंबे समय तक वही कारगर है यह बिल्कुल असंभव है इस परीक्षा की दृष्टि से कि 6 महीने या 2 महीने पहले पढ़कर इस परीक्षा में सफल हो जाए

 क्योंकि यह बड़ी परीक्षा है इसलिए 7 दिन का या महीने भर का या 1 दिन का अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूर्ण करने का प्रयास करें और यह एप्टिट्यूड पर रूचि पर मनोविज्ञान पर परिस्थितियों पर निर्भर करता है यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रत्येक प्रतियोगी के लिए प्रत्येक परिस्थिति में हर व्यक्ति के लिए अलग है यह बार-बार कहा जाता है कि हर व्यक्ति अलग है एक ही रणनीति एक ही समय सारणी एक ही तरह का अनुशासन समान रूप से सभी व्यक्तियों पर लागू नहीं हो सकता

 

5.अध्ययन सामग्री का सही चुनाव

 

 अध्ययन सामग्री का चुनाव परीक्षा की तैयारी से पहले ही कर ले छोटा मोटा फेरबदल किया जा सकता है लेकिन आमूलचूल परिवर्तन की संभावना कम ही रहती है और अगर ऐसा करने का प्रयास करेंगे तो सफलता के चांसेस कम हो जाएंगे

 अध्ययन सामग्री का चुनाव करने से पहले 10 बार सोच सकते हैं सलाह ले सकते हैं एक बार सामान्य रूप से पढ़ सकते हैं लेकिन यदि एक बार अध्ययन सामग्री का अंतिम चयन कर लिया है तो उस पर अडिग रहें और उसके रिवीजन पर ही ध्यान दें क्योंकि सिर्फ 100 किताबें पढ़नी ही नहीं है उन्हें याद भी रखना है ताकि उनको मुख्य परीक्षा में लिख सकें और केवल मात्र लिख ना सके उन्हें अच्छी तरह से प्रस्तुत कर सकें

इसी तरह की रणनीति ऐच्छिक  विषय का चुनाव करने से पहले भी रखनी चाहिए| ऐच्छिक विषय को चुनने से पहले सभी पहलुओं पर ध्यान दें जैसे क्या वह  रुचि का विषय है और उसमें अध्ययन सामग्री उपलब्ध है|

 

6.पूर्व  प्रश्नपत्रों का गंभीर अध्ययन

  यूपीएससी द्वारा पूर्व में पूछे गए प्रश्न पत्रों का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें और यह जानने का प्रयास करें कि किस तरह के प्रश्न इस परीक्षा में पूछे जाते हैं और हो सके तो सफल अभ्यर्थियों की लिखे गए उतरो का भी अध्ययन कर सकते हैं जो कि इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध है इससे उनकी लेखन शैली के बारे में समझ पाएंगे और लेखन शैली में भी सुधार कर सकते हैं

 

 पूर्व प्रश्न पत्रों के अध्ययन से पेपर की रूपरेखा के बारे में जानकारी प्राप्त होती है अंको के विभाजन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है एक पेपर में किस तरह के प्रश्न और कितने प्रश्न हमें लिखने हैं|

 

7. स्वयं के नोट्स बनाएं



 एक बहुत ही प्रचलित कहावत है कि जिसे स्वर्ग जाना है उसे स्वयं को ही मृत्यु का आलिंगन करना होगा आसान शब्दों में कहें तो मेहनत  को ही करनी होगी यदि  को यूपीएससी क्लियर करना है तो

 नोट्स बनाने का यहां महत्व यह है कि यूपीएससी का जो पाठ्यक्रम है बहुत ही विस्तृत  है इसलिए रिवीजन तो  उन्हें उन्हीं सारी नोटबुक को पढ़ना समझदारी भरा निर्णय नहीं  यह बहुत ज्यादा समय लेगा इसलिए स्मार्ट स्टडी की आवश्यकता है एक बार अच्छे से नोट्स बनाएं और बार-बार उनका रिवीजन करें|




8. उत्तर लेखन का अभ्यास निरंतर करें



 मुख्य परीक्षा लिखित परीक्षा होती है जिसमें बहुत से प्रश्नों का जवाब लिखना होता है इन प्रश्नों के जवाब अच्छी तरह से लिखने के लिए उत्तर लेखन का निरंतर अभ्यास करना जरूरी है|

लिखने का अभ्यास यदि निरंतर करते हैं तो लिखने की गति है च्छी रहेगी अन्यथा कुछ प्रश्न छूट जाएंगे|

 लिखने के निरंतर अभ्यास से  के हाथ और मस्तिष्क का समन्वय  शानदार हो जाएगा  इसका महत्व हैंड - आई कोआर्डिनेशन जो कि क्रिकेट में इस्तेमाल होता है उससे समझ सकते हैं|

 

9. साक्षात्कार के लिए अपने व्यक्तित्व पर काम करें



 साक्षात्कार की जानकारी का परीक्षण नहीं करता है वह तो मुख्य परीक्षा में पहले ही किया जा चुका है साक्षात्कार व्यक्तित्व का परीक्षण करता है जिसे रातों-रात नहीं बदल सकते साक्षात्कार में सफल होने के लिए व्यक्तित्व पर शुरू से ही ध्यान देवें|

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भारत का राजचिह्न

 भारत का राजचिह्न 



भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है।


एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है।

 पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। 


मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं।


फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'


भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया।


इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नही देता। 

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन भाग 3

 कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन

 भाग 3


चिप्स तो हम सभी खाते हैं हमने देखे हैं उसमें हवा भरी होती है वह हवा क्यों भरी होती है

 क्या वह सिर्फ हवा होती हैं या कोई गैस होती है जिसका कोई स्पेशल रोल होता है उस गैस का इंपोर्टेंस क्या है 

केमिकल रिएक्शंस में कुछ एलिमेंट दुसरे  एलिमेंट को रिप्लेस कर देते हैं

डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन में ज्यादा एक्टिव एलिमेंट कम रिएक्टिव एलिमेंट को रिप्लेस कर देता हहै  जैसे जब आयरन कॉपर सल्फेट के साथ रिएक्शन करता है तो कॉपर सल्फेट में से कॉपर रिप्लेस हो जाता है और आयरन सल्फेट बनता है इसी कारण आयरन नेल   पर  cu की पर चढ़ने के कारणभूरा  हो जाता है जबकि कॉपर सल्फेट आयरन सल्फेट में परिवर्तित हो जाता है तो सलूशन का रंग  fade हो जाता है

कुछ और एग्जांपल में जिंक कॉपर को रिप्लेस कर देता है और जिंक सल्फेट बनाता है 

इसी तरह lade cucl2  से रिएक्शन करके लेडक्लोराइड बनाता है

क्योंकि जिंक और लेड कॉपर से ज्यादा रिएक्टिव एलिमेंट है 

 

दो रिएक्टेंट्स के बीच यदि आयन का एक्सचेंज होता है तो उसे डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन कहते हैं

AB+CD       →AC+BD

इस रिएक्शन में बीआरसी आपस में एक्सचेंज हो जाते हैं इस तरह की रिएक्शन में  एक ऐसा सब्सटेंस बनता है जो पानी में नहीं घुलता  है उसे precipitate. कहते हैं 

ऐसी कोई सी भी रिएक्शन जिसमें  precipitate व्बनता है उसे precipitation रिएक्शन कहते हैं

जैसे सोडियम सल्फेट बेरियम क्लोराइड से रिएक्शन करके सोडियम क्लोराइड और बेरियम सल्फेट बनाता है 

इस  रिएक्शन बेरियम सल्फेट का वाइट precipitate   बनता है जबकि सोडियम क्लोराइड पानी में घुलनशील अवस्था में रहता हूं 

 

किसी रिएक्शन में कंपाउंड या एलिमेंट में ऑक्सीजन add होने  पर उस कंपाउंड या एलिमेंट का ऑक्सीडेशन हो जाता है

जैसे मैग्नीशियम के रिबन को ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलाने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है इस रिएक्शन में मैग्नीशियम का ऑक्सीडेशन हो रहा है यानी कि मैग्नीशियम में ऑक्सीजन ऐड हो रहा हूं 

और यदि रिएक्शन के दौरान किसी कंपाउंड में से ऑक्सीजन का लॉस होता है या ऑक्सीजन निकल जाती है तो उस कंपाउंड का रिडक्शन हो जाता है 

यदि किसी रिएक्शन में एक रिएक्टेंट का  ऑक्सीडेशन हो और दूसरे रिएक्टेंट का  रिडक्शन हो रहा हो  यानी ऑक्सीडेशन रिडक्शन दोनों साथ साथ हूं तो उस रिएक्शन को रेडॉक्स रिएक्शन कहते हैं

कॉपर पाउडर को ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलाने पर कॉपर का ऑक्सीडेशन हो जाता है और कॉपर ऑक्साइड बनता है जो काले कलर का होता है और यदि इस मिक्सर पैसे हाइड्रोजन गैस गुजारी जाती है तो रिवर्स रिएक्शन होती है और कॉपर दोबारा बन जाता है जो भूरे कलर का होता है जैसा कि हम देख सकते हैं कॉपर ऑक्साइड में से ऑक्सीजन निकल रही है तो कॉपर ऑक्साइड का रिडक्शन हो रहा है और हाइड्रोजन गैस में ऑक्सीजन जोड़ रही है तो उसका ऑक्सीडेशन हो रहा है 

 

जिंक ऑक्साइड कार्बन से रिएक्शन करके जिंक और कार्बन मोनोऑक्साइड बनाता है इस रिएक्शन जिंक का रिडक्शन और कार्बन का ऑक्सीडेशन हो रहा है क्योंकि जिंक में से ऑक्सीजन निकल रही है

 

जब भी कोई कंपाउंड रिएक्शन के दौरान ऑक्सीजन अगेन करता है या हाइड्रोजन का लॉस होता है तो उसका ऑक्सीडेशन होता है 

और यदि रिएक्शन के दौरान उस कंपाउंड में से हाइड्रोजन ऐड होती है और ऑक्सीजन का नाश होता है तो उसका रिडक्शन हो जाता है

MnO2 +4HCl        →   MnCl  +   H2O   +    Cl2

HCl is oxidised to Cl2

MnO2 is reduced to MnCl2.

जैसे मैग्नीशियम ऑक्साइड एचसीएल से रिएक्शन करके मैग्नीशियम क्लोराइड और H2O बनाता है इस रिएक्शन में एचसीएल का ऑक्सीडेशन हो रहा है क्योंकि हाइड्रोजन निकल रही है और मैग्नीशियम ऑक्साइड का रिडक्शन हो रहा है क्योंकि ऑक्सीजन निकल रही है

 

कॉमन लाइफ में ऑक्सीडेशन रिडक्शन रिएक्शन के  बहुत प्रभाव है 

जैसे मेटल्स सराउंडिंग की ऑक्सीजन या मॉइश्चर या एसिड से रियेक्ट  कर लेते हैं और ऑक्सिडाइज हो जाते हैं जिससे कि उनका डीके शुरू हो जाता है इस प्रोसेस को कोरोजन कहते हैं 

जैसे लोहे के आर्टिकल्स बहुत चमकीले होते हैं जब वह नए होते पर जैसे ही मॉइश्चर के संपर्क में आते हैं एक लाल पाउडर उन पर जमा हो जाता है सिल्वर पर ब्लैक कोटिंग हो जाती है और कॉपर पर हरि कोटिंग हो जाती है

कोरोजन से कार की बॉडी आयरन ब्रिज रैलिंग्स और शिप  खराब हो जाते हैं

डैमेज आयरन को रिप्लेस करने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च करना पड़ता है 

 

जब फैट या ऑयल का ऑक्सीडेशन होता है तो उनका टेस्ट और smell खराब हो जाता है वह खाने योग्य नहीं रहते इसलिए उनमें ऐसे सब्सटेंसस को ऐड किया जाता है जिससे उनका ऑक्सीडेशन रोका जा सके ऐसे सब्सटेंसस को एंटीऑक्सीडेंट कहते हैं 

 

फूड को एयरटाइट कंटेनर में रखने से ऑक्सीडेशन को रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है आलू के चिप्स के पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है जिससे कि उसका ऑक्सीडेशन ना हो 

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन भाग दो

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन 

भाग दो 



केमिकल रिएक्शंस में कभी 2 कंपाउंड मिलकर एक कंपाउंड बनाते हैं और कभी एक कंपाउंड टूट कर दो कंपाउंड बनते हैं कभी एनर्जी रिलीज होती है कभी एनर्जी का यूज़ होता है कभी रिएक्शन होने के लिए कुछ स्पेशल कंडीशन की रिक्वायरमेंट होती है बिना उस स्पेशल कंडीशन के रेएक्शन परफॉर्म्ड नहीं की जा सकती है

केमिकल रिएक्शन के दौरान एक एलिमेंट के एटम दूसरे एलिमेंट के एटम में चेंज नहीं होते हैं

एटम्स ना  तो बाहर से ऐड होते हैं ना रिएक्शन में से कम होते हैं 

केमिकल रिएक्शन में नए कंपाउंड बनने के लिए पुराने बॉन्ड टूटते हैं और नए बॉन्ड बनते हैं 

8 तरह की केमिकल रिएक्शंस के बारे में हम पढ़ेंगे 

1.Combination Reaction

2.Exothermic Chemical Reactions

3.Decomposition Reaction

4.Thermal Decomposition.

5.Endothermic Chemical Reactions

6.Displacement Reaction

7.Double Displacement Reaction

8.Oxidation And Reduction


कांबिनेशन रिएक्शन में दो या ज्यादा कंपाउंड मिलकर एक सिंगल कंपाउंड बनाते हैं जैसे ए बी सी तीन कंपाउंड  मिलकर एक सिंगल कंपाउंड एबीसी बनाते हैं

कांबिनेशन रिएक्शन के कुछ एग्जांपल देखेंगे 

जैसे कैल्शियम ऑक्साइड h2o के साथ मिलकर कैलशियम हाइड्रोक्साइड का सलूशन बनाता है इस रिएक्शन में हीट जनरेट होती है इसका पता बीकर को हाथ से छू कर लगाया जा सकता है जिसमें दोनों रिएक्टेंस को मिलाया गया है रिएक्शन के बाद बीकर गर्म हो जाता है इस रिएक्शन में बहुत ज्यादा हिट जनरेट होती है इसलिए बीकर को हाथ लगाने से पहले सावधानी रखें

दूसरा एग्जांपल है कोयले का जलना इसमें कार्बन ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलता है और कार्बन डाइऑक्साइड जनरेट करता है इस रिएक्शन में भी heat

 जनरेट होती है

 तीसरा एग्जांपल है हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन मिलकर h2o का फॉरमेशन करते हैं

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अब हम डिस्कस करेंगे एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शंस के बारे में इन रेएक्शंस में प्रोडक्ट बनने के साथ हीट जनरेट होती है

कैल्शियम ऑक्साइड h2o के साथ मिलकर कैलशियम हाइड्रोक्साइड का सलूशन बनाता है इस रिएक्शन में हीट जनरेट होती है इसका पता बीकर को हाथ से छू कर लगाया जा सकता हैइस रिएक्शन के बारे में हम पहले भी पढ़ चुके हैं 

Ch4 मीथेन जिसे नेचुरल गैस भी कहते हैं ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलकर CO2 और  H2o प्रोड्यूस  करती है इस रिएक्शन में भी हीट  जनरेट होती है यह एक एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन है

रेस्पिरेशन b1 एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन है इस रिएक्शन में ग्लूकोस के मॉलिक्यूल ऑक्सीजन से  रियेक्ट  करके CO2 H2o जनरेट करते हैं और साथ में एनर्जी भी रिलीज होती है फूड का डाइजेशन होता है उससे ग्लूकोस के छोटे मॉलिक्यूल बनते हैं और ग्लूकोस रेस्पिरेशन रिएक्शन में  एनर्जी रिलीज करता हूं

वेजिटेबल के डीकंपोजिशन से कंपोस्ट बनाने की प्रोसेस में भी एनर्जी रिलीज होती है यह भी एक एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन है

डीकंपोजिशन रिएक्शन में एक सिंगल कंपाउंड टूट कर सिंपल कंपाउंड बनाता है जब डीकंपोजिशन रिएक्शन में कंपाउंड को तोड़ने के लिए एनर्जी का यूज किया जाता है तो उसे थर्मल डीकंपोजिशन रिएक्शन कहते हैं 

फेरस सल्फेट के क्रिस्टल को गर्म करने पर फेरिक ऑक्साइड बनता है और सल्फर गैस निकलती है .फेरस सल्फेट का हरा कलर भी चला जाता है क्योंकि फेरिक ऑक्साइड बन जाता हैसल्फर की बहुत तेज स्मेल आती है इसलिए टेस्ट ट्यूब को अपने चेहरे सेदूर रखें 

कैल्शियम कार्बोनेट को गर्म करने पर कैलशियम ऑक्साइड  बनता है और कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है 

इस रिएक्शन का  इंडस्ट्रीज में बहुत इंपोर्टेंट रोले  है जैसे सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग 

कैल्शियम ऑक्साइड का कॉमन नेम क्विक लाइम है 

लेड नाइट्रेट को गर्म करने पर लेड ऑक्साइड बनता है नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन गैस निकलती है इस रिएक्शन के दौरान जो ब्राउन फ्यूम्स निकलते हैं वह नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस के कारण होते हैं 

सिल्वर क्लोराइड का सनलाइट की प्रेजेंट में डीकंपोजीशन हो जाता है जिससे सिल्वर बनता है और क्लोरीन गैस निकलती है

सिल्वर ब्रोमाइड सनलाइट की प्रेजेंट में इसी तरह का व्यवहार करता है और सिल्वर और ब्रोमिन गैस में डीकंपोज हो जाता है इस रिएक्शन का यूज ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफी में किया जाता है 

डीकंपोजिशन रिएक्शन में रिएक्टेंस के बीच के बांड को तोड़ने के लिए   एक्सटर्नल एनर्जी की रिक्वायरमेंट होती है यह हीट  के फॉर्म में हो सकती है लाइट के फॉर्म में हो सकती है या इलेक्ट्रिसिटी के फॉर्म में हो सकती है

 

रिएक्शन जिनमें एक्सटर्नल एनर्जी की रिक्वायरमेंट होती है रिएक्शन के होने के लिए उन्हें एंडॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन कहते हैं हमने अभी  जो रिएक्शंस देखी है उनमें एनर्जी देकर कंपाउंड को तोड़ा गया है यह सभी रिएक्शन एंडॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन hae

जैसे मैग्नीशियम के रिबन को ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलाया जाता है तो मैग्नीशियम ऑक्साइड का पाउडर बनता है यह एक एंडॉथर्मिक केमिकल रिएक्श है  क्योंकि इसमें बाहर से हीट दी जार रही है 

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन भाग एक

 कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन 

भाग एक



गर्मियों में जब हम दूध को फ्रिज से बाहर रख देते हैं तो वह खराब हो जाता है ऐसा क्यों होता है या लोहे के तवे पर जब पानी लग जाता है या बारिश में लोहा बाहर रखा हुआ होता है

उस पर  लाल कलर की  परत जम जाती  है जिसे हम सामान्य भाषा में जंग लगना कहते हैं  ऐसा क्यों होता है इसी तरह सिल्वर के ज्वेलरी काली पड़ जाती है या तांबे के बर्तन है उन पर हरे रंग की परत चढ़ जाती है ऐसा क्यों होता है  इन्हीं प्रश्नों के जवाब हम देंगे 

और जानेंगे वर्ड इक्वेशन, skeletal इक्वशन  व् बैलेंस केमिकल इक्वेशन के बारे में 


केमिकल रिएक्शंस  में atoms   के बीच कुछ पुराने बांड टूट ते हैं और कुछ नए बांड बनते हैं जिससे कि नए प्रोडक्ट्स बनते है

 

केमिकल रिएक्शंस में नए प्रोडक्ट बनते हैं जिनकी प्रॉपर्टी और आईडेंटिटी पुराने कंपाउंड  से अलग होती है  जैसे कि दूध को गर्मियों में जब बाहर  रखा जाता है तो केमिकल चेंजेज के कारण उसके स्वाद में परिवर्तन आ जाता है और वह दूध नहीं रहता है एक अलग कंपाउंड बन जाता है और इसी तरह लोहे को जब बाहर पानी में या बारिश में रखा जाता है तो लोहे के ऊपर लाल परत जैम जाती है लोहे का ऑक्सीडेशन हो जाता है

केमिकल रिएक्शंस में एटम  में कोई चेंज नहीं होते हैं उनके बीच बनने वाले bond  में चेंज होताहै  ना ही तो एटम बाहर से ऐड होते हैं ना ही कोई एटम  कम होता है नंबर ऑफ एटम constant होते हैं 

आयरन का atomआयरन का atomही रहता है ऐसा नहीं है कि आयरन का atomकॉपर के atomमें कन्वर्ट हो जाए आयरन के जितने नंबर ऑफ एटम है  वह फिक्स रहेंगे यदि रिएक्शन से पहले 10 एटम  है तो भी रिएक्शन के बाद भी 10 एटम ही रहेंगे

कुछ ऑब्जरवेशन से हम यह तय कर सकते हैं कि केमिकल रिएक्शन या केमिकल चेंजेज हुए ह

1.Change in state

2.Change in colour

3.Evolution of a gas

4.Change in temperature

5.Change in taste and odour

6.Form precipitate

सबसे पहले हम देखेंगे चेंज इन स्टेट यानी कि कंपाउंड की स्टेट  सॉलि़ड से लिक्विड या  गैस हो सकती है या गैस कोम्पिउन्द लिक्विड में चेंज हो सकती ह 

CO(g) + 2H (g)   340 atm          CH3OH(l)

Formation of water from H2 (g) and O2 (g)

 

2H2 (g) + O2 (g) = 2H2O(l)

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 चेंज इन कलर यानी रिएक्शन से पहले जो कलर है वह दूसरे कलर में बदल जाता है या जो पुराना कलर है वह नहीं रहेगा 

Fe(s) + CuSO4(aq)  =       FeSO4(aq) + Cu(s)

 

        Copper sulphate                (Iron sulphate)

 

आयरन कि जब कॉपर सल्फेट से रिएक्शन करवाते हैं तो कॉपर सल्फेट का जो ब्लू कलर है वह नहीं रहता क्योंकि कॉपर सल्फेट फेरस सल्फेट में बदल जाता है और आयरन पर कॉपर की परत जम जाती है जिससे आयरन नेल  का कलर चेंज हो जाता है 

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गैस का निकलना यानी कि एक्शन के दौरान यदि कोई गैस निकल रही है तो हम यह कह सकते हैं कि इसमें केमिकल चेंज हुआ है और यह केमिकल रिएक्शन है 

Zn   +  H2SO4         →    ZnSO4 +      H2

 

Zinc+Sulphuric acid→Zinc sulphate+Hydrogen

 जैसे जब जिंक की  सल्फुरिक एसिड से रिएक्शन होती है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है 

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Change In Temperature

तीसरा है चेंज इन टेंपरेचर यानी कि या तो रिएक्शन के दौरान एनर्जी रिलीज होती है या एनर्जी कंसम्पशन होता है अगर एनर्जी रिलीज होती है तो रिएक्शन के बाद टेंपरेचर बढ़ जाता है जैसे जब कैल्शियम ऑक्साइड की रिएक्शन  पानी  के साथ की जाती है तो एनर्जी रिलीज होती है बिकर गर्म हो जाता है

CaO(s) +      H2O(l)  →   Ca(OH)2(aq)   +Heat

(Quick lime)                (Slaked lime)

कैल्शियम ऑक्साइड का कॉमन नेम Quick lime

 है और कैल्शियम हाइड्रोक्साइड का जो एक्वा सॉल्यूशन है उसका नाम  (Slaked lime) है

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टेस्ट और आर्डर में चेंज का सबसे अच्छा उदाहरण है दूध का गर्मियों में खराब होना

 

गर्मियों में जब दूध खराब हो जाता है गर्मी की वजह से तो उसका स्वाद है और जो खुशबू है वह बदल जाती है 

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जब किसी केमिकल रिएक्शन को word से रिप्रेजेंट किया जाता है तो उसे वर्ल्ड इक्वेशन कहते हैं

रिएक्शन में पार्टिसिपेट करने वाले कंपाउंड को REACTANTS  कहते हैं जबकि जो कंपाउंड नए बनते हैं वह प्रोडक्ट कहते हैं 

रिएक्टेंस को लेफ्ट हैंड साइड में लिखा जाता है जबकि प्रोडक्ट्स को राइट हैंड साइड में लिखा जाता है 

वर्ल्ड इक्वेशन का  use केमिकल रिएक्शन को छोटे  फॉर्म में लिखने के लिए किया जाता है

Magnesium        +   Oxygen   →          Magnesium oxide

REACTANTS A    +   REACTANTS B  →   PRODUCT

LHS                  RHS 

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केमिकल इक्वेशन वर्ड इक्वेशन के कंपैरिजन में ज्यादा छोटी  और यूज़फुल होती हैं क्योंकि इनमें शब्दों के बजाय केमिकल फार्मूला का यूज किया जाता है

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केमिकल इक्वेशन दो तरह की हो सकती है स्केलेटल केमिकल इक्वेशन और  बैलेंस केमिकल इक्वेशन दोनों में के बीच फर्क यह है कि स्केलेटल केमिकल इक्वेशन में एटम्स बैलेंस नहीं होते हैं दोनों तरफ जबकि बैलेंस केमिकल इक्वेशन में दोनों तरफ के जो एटम  है वह बैलेंस होते हैं जितनेएटम राइट हैंड साइड हैं उतने ही atomलेफ्ट हैंड साइड में होंगी

Mg + O2 → MgO → Skeletal Chemical Equation

2Mg + O2 → 2MgO → Balanced Chemical Equation

स्केलेटल केमिकल इक्वेशन में मांस भी बैलेंस नहीं होता है दोनों तरफ लेकिन केमिकल फार्मूला में कोई चेंज नहीं होते हैं दोनों ही इक्वेशंस में ऐसा नहीं है कि किसी कंपाउंड या एलिमेंट का केमिकल फार्मूला में चेंज हो 

केमिकल फार्मूला बिल्कुल सही होता है 

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बैलेंस केमिकल इक्वेशन लॉ ऑफ कंजर्वेशन ऑफ मास को फॉलो करती है  यानी कि किसी भी रिएक्शन में ना तो मास बनता है या डिस्ट्रॉय होता है मांस कांस्टेंट होता है यानी कि जितने भी एटम लेफ्टहैण्ड  साइड में है उतने ही एटम राइट हैंड साइड में होते हैं

 

कुछ बैलेंस केमिकल इक्वेशन हम यहां देखेंगे

Zn      +   H2SO4               →  ZnSO4              +        H2

Zinc + Sulphuric acid →  Zinc sulphate +  Hydrogen

CaO(s)    +   H2O(l)     Ca(OH)2(aq) +   Heat

(Quick lime)                          (Slaked lime)

 

Fe(s)   +   CuSO4(aq)   FeSO4(aq)                +Cu(s)                                                                 (Copper sulphate)                 (Iron sulphate)

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अब हम सीखेंगे केमिकल इक्वेशन को बैलेंस करना

पहला स्टेप यह है कि दिए गए केमिकल फार्मूला में कोई चेंज नहीं करना है 

Fe + H2O → Fe3O4 + H

दूसरे स्टेप में जितने भी एलिमेंट हैं उन में कितने एटम है वह लेफ्ट साइड और राइट एंड साइड दोनों तरफ के लिस्ट बना लेंगे जिससे हमें यह पता लग जाएगा कि एक एलिमेंट के रिएक्टेंट साइड में कितने एटम  है और प्रोडक्ट साइड में कितने एटम है 

 

तीसरे स्टेप में उस एलिमेंट के एटम्स से शुरु करते हैं जिसके एटम की संख्या  सबसे ज्यादा है  यानी सबसे पहले ज्यादा एटम वाले एलिमेंट को बैलेंस करते हैं चाहे वह राइट हैंड साइड हो या लेफ्ट हैंड साइड हो यानी कि रिएक्टेंट्स हो या प्रोडक्ट हो इस क्राइटेरिया  के हिसाब से ऑक्सीजन एटम को सेलेक्ट करते हैंऔर उसे बैलेंस करते हैं 


क्योंकि लेफ्ट  हैंड साइड में चार ऑक्सीजन के atomहै और राइट हैंड साइड में एक ऑक्सीजन का atomहै इसलिए बैलेंस करने के लिए राइट हैंड साइड में भी चार ऑक्सीजन केएटम लेंगे

 

नंबर ऑफ एटम को इक्वल करने के लिए केमिकल फार्मूला में कोई चेंज नहीं करना है 

4H2O and not H2O4

अब यह पार्शियली बैलेंस इक्वेशन है 


हाइड्रोजन और आयरन के एटम्स अभी भी बैलेंस नहीं है हाइड्रोजन के एटम्स को बैलेंस करने के लिए राइट हैंड साइड में  h2के चार मॉलिक्यूल लेंगे


आयरन के एटम को इक्वल करने के लिए लेफ्ट हैंड साइड में तीन आयरन के एटम्स लेंगे

 

अब हम दोनों तरफ के एटम्स को काउंट करेंगे  जो कि अब बराबर है नाउ द इक्वेशन इस  केमिकल बैलेंस 

केमिकल इक्वेशन को ज्यादा इनफॉर्मेटिव बनाने के लिए रिएक्टेंस और प्रोडक्ट की फिजिकल स्टेट को भी केमिकल इक्वेशन में दर्शाया जाता है 

 

NOTATIONS

The gaseous (g)

liquid - (l)

Aqueous- (aq)

solid - (s)

The symbol (g) is used with H2O to indicate  water is used in the form of steam.

गैसियस स्टेट का मतलब यह है कि पानी वेपर के फॉर्म में है पानी की vapour फॉर्म को स्टीमकहते ह

The word aqueous (aq) is written if the reactant or product is present as a solution in water.

जहां aqueous  का मतलब है किसी भी  कंपाउंड का वोटर में सलूशन

 


 

रिएक्शन की कंडीशन जैसे रिएक्शन के दौरान टेंपरेचर प्रेशर और यदि कोई Catalyst यूज़ किया हो तो उनको अरो के ऊपर लिखा जाता है

 

CO(g) + 2H2 (g)        340atm      CH3 OH(l)

जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन गैस 340 एटमॉस्फेरिक प्रेशर पर  रिएक्ट करती है और मैथिल अल्कोहल बनाती है

6CO2(aq) +12H2O chlorophyllSunlight    C6H12O6(aq) +6O2(aq) +6H2

(Glucose)

CO2 और  h2o सनलाइट और क्लोरोफिल की  प्रेजेंट्स में ग्लूकोस मॉलिक्यूल बनाते हैं

वीडियो को एंड तक देखने के लिए धन्यवाद और अगर आपको कोई डाउट हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करके आप पूछ सकते हैं  वीडियो को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें लाइक करें और सब्सक्राइब करें

 

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