पुस्तकालय - संदर्भ सेवा
व्यक्तिगत सेवा के माध्यम से उपयुक्त पाठक और उपयुक्त पुस्तक के बीच ठीक समय पर संपर्क स्थापित करना संदर्भ सेवा है
पुस्तकालय की पाठ्य सामग्री का उपयोग करने में पाठक को दी गई व्यक्तिगत सेवा
यह सेवा शीघ्र प्रदान की जाती है
पाठक के प्रश्नों को समझ कर सही पाठ्य सामग्री देने में सहायक है और सभी पाठक को समान रूप से सेवा दी जाती है चाहे वह किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आया हो
संदर्भ सेवा की परिभाषा विलियम बी चाइल्ड ने दी उनके अनुसार -- संदर्भ कार्य से तात्पर्य पुस्तकालय अध्यक्ष द्वारा पाठक को सूची की जटिलता से परिचित कराने में प्रश्नों के उत्तर देने में और संक्षेप में उपलब्ध साधनों को प्राप्त करने में दी गई सेवा ही संदर्भ सेवाएं है
मार्गरेट हूं चिन्सकी परिभाषा के अलावाअन्य किसी भी परिभाषा में व्यक्तिगत सेवा की भावना को व्यक्त नहीं किया गया है
संदर्भ सेवा की आवश्यकता एवं उद्देश्य
पुस्तकालय के तीन काम है
- पुस्तकों का संग्रह व उनकी सुरक्षा करना जैसे आग पानी कीड़े मानव से सुरक्षा
- पाठक द्वारा मांग किए जाने पर हमें पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना
- आसपास के लोगों को पुस्तकालय की तरफ आकर्षित करना और उन्हें पुस्तक प्रेमी तथा पढ़ने के लिए प्रेरित करना
रंगनाथन के अनुसार सभी तकनीकियो के बावजूद पाठकों को पाठ्य सामग्री खोजने के लिए मानवीय आवश्यकता पड़ती है जिस के मुख्य कारण हैं----
ग्रंथों की कृत्रिमता-
पुस्तकों की रचना विधि और उनका व्यवस्थापन शरण और जटिल दोनों प्रकार का हो सकता है इसी कृत्रिमता को बताने के लिए मानवीय सहायता की आवश्यकता होती है
सामान्य पाठक पुस्तक की महत्ता और उसमें निहित मूल्यवान विचारों को तब तक नहीं समझ सकता जब तक उसके लिए कोई व्यक्तिगत प्रयास नहीं किया जाए व्यक्तिगत सहायता से कृत्रिमता दूर हो जाती है और सजीव से लगने लगते हैं उसमे वर्णित विषय से पाठक परिचित हो जाता है आसान शब्दों में कहें तो पाठक को किताब में क्या सामग्री दी गई है इसके बारे में समझ हो जाती है और उसे वह रुचिकर लगने लगते हैं
पुस्तकालय सूची और वर्गीकृत व्यवस्थापन पद्धति की कृत्रिमता--
पुस्तकालय के सारे संग्रह की जानकारी देने के लिए पुस्तकालय सूची का निर्माण किया जाता है जिसमें बहुत सारी तकनीकी सिद्धांतों के आधार पर सूची का निर्माण होता है जिससे पाठक को समझने में असुविधा होती है इन सूचियों में लेखक का नाम उपनाम पूर्व नाम मुख्य नाम क्रम से लिखना होता है सूची का पूर्ण सदुपयोग हो सके इसके लिए है पाठकों को व्यक्तिगत सहायता द्वारा इस सूची से परिचित कराया जाए जैसे कितने प्रकार के संलेख है उनकी क्या उपयोगिता है व्यवस्थापन कैसे किया जाता है यह कार्य भी संदर्भ सेवा का एक अंग है
मनोवैज्ञानिक आवश्यकता--
प्रत्येक पाठक की प्रवृत्ति अलग-अलग होती है और प्रत्येक पुस्तकालय का व्यवस्थापन अलग अलग होता है इसलिए नया पाठक जब किसी पुस्तकालय में आता है तो अजनबी महसूस करता है यदि उनका मार्गदर्शन और सहायता तुरंत कि जाए तो सभी प्रकृति के पाठक पुस्तकालय में आएंगे और वे सहज महसूस करेंगे
संदर्भ सेवा के कार्य
निरीक्षणात्मक-
पाठकों को अध्ययन के लिए उपलब्ध सुविधा का उपयुक्त संगठन हो
सूचनात्मक कार्य-
पाठक द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब देना पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ स्रोतों एवं उनमें उपलब्ध सूचना की जानकारी देना
मार्गदर्शनात्मक कार्य-
पाठक को व्यवसाय जीवन यापन पढ़ाई इत्यादि के लिए मार्गदर्शन करना और उचित पठनीय पुस्तक के चयन करने में सहायता प्रदान करना
निर्देशात्मक कार्य-
पाठक को पुस्तकालय में उपलब्ध प्रसूची,संदर्भ ग्रंथ, सेवाओं ,सुविधाओं और पुस्तकालय प्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान करना
ग्रंथात्मक कार्य-
पाठक की आवश्यकता के अनुसार ग्रंथ सूची तैयार करना ताकि पाठक अपने विषय के हिसाब से जानकारी प्राप्त कर सकें
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