Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा क्या है ?

Types of Reference Service-संदर्भ सेवा के प्रकार

 

अ. Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा

 

 ब. Long range reference- व्यापक संदर्भ सेवा क्लिक करे


Ready reference service - प्रस्तुत संदर्भ सेवा क्या है ?


टाइम फैक्टर के आधार पर जो सेवा शीघ्र अति शीघ्र दी जा सके

रंगनाथन के अनुसार प्रस्तुत संदर्भ सेवा बहुत ही कम समय में और कुछ क्षणों में प्रदान की जाती है इसकी सीमा 5 मिनट से लेकर आधे घंटे तक है


 स्रोत के आधार पर जो सेवा पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ ग्रंथ या पूर्व में दिए गए जवाब की फाइल की सहायता से प्रदान की जाती है उसे प्रस्तुत संदर्भ सेवा कहते हैं

 इस सेवा में ऐसे प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है जिनके उत्तर खोजने में ज्यादा समय नहीं लगता है जैसे पुस्तकालय प्रसूची कहां है शब्दकोश कहां है प्रेमचंद की कौन सी किताबें पुस्तकालय में है


यह सेवा पुस्तकालय केंद्र में पूछताछ केंद्र से प्रदान की जाती है यह केंद्र मुक्त द्वारा आदान-प्रदान विभाग के पास स्थित होता है




 प्रस्तुत संदर्भ सेवा की आवश्यकता क्या है ?

 

1.संदर्भ ग्रंथों की प्रकृति- सभी ग्रंथ कृत्रिमता लिए होते हैं लेकिन बार-बार प्रयोग करने से यह समाप्त हो जाती है संदर्भ ग्रंथों में कृत्रिम था सामान्य ग्रंथों की अपेक्षा ज्यादा होती है और इन्हें बार बार पढ़ा भी नहीं जाता है इन्हें सिर्फ विशेष सूचना के लिए ही प्रयोग किया जाता है


 सामान्य ग्रंथों में विषय और विचार श्रंख्लाबध होते हैं जबकि संदर्भ ग्रंथों में ऐसा नहीं होता है उनमें विभिन्न सूचनाएं सिर्फ इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है कि अल्प समय में ही सूचना का अवलोकन किया जा सके संदर्भ ग्रंथों में उनका व्यवस्थापन ही मुख्य है जो कि 

वर्णक्रम अनुसार-Alphabetic order

 विषयानुक्रम- classified

काल-क्रमानुसार या - chronologically

भौगोलिक आधार - Geographical

पर किया जाता है इस प्रकार की जानकारी देने हेतु प्रस्तुत संदर्भ सेवा का प्रयोग किया जाता है



2. प्रश्न कर्ताओं की प्रकृति-

 पुस्तकालय में आने वाले पाठक या प्रश्नकर्ता- तीन तरह के हो सकते हैं


अ. अनुपस्थित प्रश्नकर्ता- 


टेलीफोन द्वारा डाक द्वारा समाचार पत्रों के प्रकाशन विभाग,आकाशवाणी ,दूरदर्शन  या विशिष्ट नागरिकों द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देने के लिए पुस्तकालय में प्रस्तुत संदर्भ सेवा का होना आवश्यक है



 ब.आकस्मिक दर्शक- 


कभी-कभी आने वाले या आवश्यकता पड़ने पर आने वाले, सार्वजनिक पुस्तकालयों में इनकी संख्या सर्वाधिक होती है पर्यटन स्थलों पर स्थित पुस्तकालयों में दर्शनीय स्थलों की सूची उनका में ऐतिहासिक महत्व भौगोलिक दूरी इत्यादि प्राप्त करने के लिए आते हैं उनके प्रश्नों का जवाब देने की जिम्मेदारी भी प्रस्तुत संदर्भ सेवा के कर्मचारियों की होती है



 स.नियमित पाठक- 


इनकी संख्या सर्वाधिक होती है

 जब कोई नया पाठक पुस्तकालय में आता है तो किताबों के अथाह समुद्र में वह आशा करता है कि कोई उसे पुस्तकालय के अनुभाग ,नियमों और प्रसूची का उपयोग विधि  या उनसे परिचय करवाएं यह पुस्तकालय में उपलब्ध विभिन्न संग्रहों के बारे में उसे जानकारी दे

 नए पाठक को इन बातों का परिचय देने का कार्य प्रस्तुत संदर्भ सेवा के द्वारा किया जाता है और इस कार्य को पुस्तकालय परिचयात्मक सेवा (ORIENTATION) या पुस्तकालय दीक्षा (INITIATION) के नाम से जाना जाता है



3.राष्ट्रीय मित्व्ययता


प्रस्तुत संदर्भ सेवा में लगभग एक ही प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं विशेषता सामरिक महत्व की घटनाएं जैसे ओलंपिक खेल किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार नोबेल पुरस्कार भारत रत्न परम वीर चक्र इत्यादि प्रस्तुत संदर्भ सेवा विभाग ऐसी घटनाओं के सभी पहलुओं से संबंधित प्रश्नों को पूर्वानुमान के आधार पर  खोज निकालता है एवं जब भी इन से संबंधित कोई प्रश्न पूछा जाता है तो बिना समय नष्ट किए जवाब दे दिया जाता है इससे शोधकर्ता उद्यमी व पुस्तकालय  को अनावश्यक श्रम व समय वह नहीं करना पड़ता है फल स्वरूप राष्ट्रीय उत्पादन में गिरावट नहीं आती है

 पूछे गए प्रश्नों का अभिलेख एक फाइल में रखा जाता है ताकि दोबारा उसी तरह का प्रश्न पूछा जाए तो समय नष्ट ना करना पड़े और सीधे फाइल से देखकर उसका जवाब दिया जा सके



प्रस्तुत संदर्भ सेवा प्रदान करने की विधि या तरीका क्या है?


पाठक को प्रश्नों के उत्तर पुस्तकालय में उपलब्ध संदर्भ ग्रंथों से मात्र 30 मिनट में देने होते हैं इसलिए पुस्तकालय में विभिन्न संदर्भ ग्रंथों का संग्रह और सूचनाओं की जानकारी पुस्तकालय संदर्भ अध्यक्ष को होना आवश्यक है ताकि अति शीघ्र सूचना प्रदान की जा सके




  रंगनाथन ने प्रस्तुत संदर्भ सेवा प्रदान करने की विधि को तीन भागों में बांटा है 

  1. तैयारी
  2.  सेवा
  3.  समीकरण





 A.तैयारी-


प्रश्न पूछे जाने से पूर्व तैयारी करना इसमें तीन संदर्भ सामग्री आती है

1.नवीन संदर्भ ग्रंथ

2.संदर्भ ग्रंथों के नवीनतम संस्करण

संदर्भ विभाग को हमेशा अपडेट रहने के लिए सभी प्रकार के नवीनतम संदर्भ ग्रंथ और संस्करण पुस्तकालय में  रखें जाने चाहिए


3.अस्थायी पाठ्य सामग्री- यह स्थायी महत्व की नहीं होती है लेकिन अन्य ग्रंथों में उपलब्ध में होने के कारण संदर्भ सेवा प्रदान करने के लिए काफी सहायक होती है तात्कालिक विषयों पर सूचना प्राप्ति का यही एकमात्र साधन है जैसे समाचार पत्रों की कतरन विवरणिका है विज्ञापन फोल्डर टेंप्लेट इत्यादि क्योंकि स्थायी महत्व की नहीं होती है इसलिए वर्गीकृत व प्रसूची कृत करने की आवश्यकता नहीं होती फिर भी इनका संकलन चयन विषय अनुसार विभाजन किया जाता है पुस्तकालय में इन्हें खुले डिब्बों में रखा जाता है और पूरा ना होने पर नियमित रूप से हटा दिया जाता है


B..सेवा


 पाठक को तीन प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती है

 --तथ्य अन्वेषण के लिए प्रश्न कर्ताओं को प्रशिक्षित करना

 --प्रश्न कर्ता को स्वयं सेवा के लिए सही दिशा निर्देश देना

उक्त दोनों सेवाओं में प्रश्न कर्ता को संदर्भ ग्रंथों की प्रयोग विधि से परिचय कराया जाता है ताकि अपनी सूचना स्वयं खोज सकें 

--प्रश्न कर्ता को सही सूचना देना


C. समीकरण 


 संदर्भ पुस्तकालय अध्यक्ष को बार-बार पूछे गए प्रश्नों व उत्तरों को याद रखना चाहिए हालांकि सतत अभ्यास वर्अनुभव से वह संदर्भ ग्रंथों की जटिलताओं उनके उपयोग से परिचित हो जाता है फिर भी वह किसी प्रश्न का उत्तर खोजने में असहज हो तो अपने सहयोगियों से विचार कर सकता है

और संदर्भ प्रश्न अनुत्तरित रह जाता है तो उसका कारण भी उल्लेख किया जाना चाहिए 


कोई टिप्पणी नहीं:

भारत में महिलाएं और मानसिक स्वास्थ्य - एक संक्षिप्त विवरण

मानसिक स्वास्थ्य और बीमारियों के संबंध में लिंग एक महत्वपूर्ण निर्धारक है मनोवैज्ञानिक विकारों का जो साइकोलॉजिकल पैटर्न महिलाओं में पुरुषों ...