राजस्थान की प्रमुख गोवंशीय नस्लें

 राजस्थान की प्रमुख गोवंशीय नस्लें



1.गीर

आवास :- मुख्यतः अजमेर, भीलवाड़ा जयपुर तथा सीमावर्ती जिलो में पायी जाती हैं।


शारीरिक लक्षण:


  1. रंग चितकबरा होता है, जो पीलापन लिए हुए लाल रंग से लगभग काले रंग तक होता है।
  2. चौड़ा एवं उन्नत ललाट, ढाल की तरह सिर के अधिकांश भाग को ढके हुए होता हैं।
  3. अनूठे ढंग से मुड़े हुए गोल सींग  हैं।
  4. लम्बे और सामने की ओर  लटकते हुए कान 
  5. कमर सीधी और मजबूत 
  6. गीर गाय दूध के लिए प्रसिद्ध हैं




2.थारपारकर


आवास - मुख्यतः जैसलमेर तथा सीमावर्ती बाडमेर एवं जोधपुर जिलों में पायी जाती हैं।



 शारीरिक लक्षण -

  1. गाय दुधारू व बैल परिश्रमी
  2. औसत दर्जे का लम्बा चेहरा, चौड़ा मस्तक तथा उभरा हुआ ललाट
  3. मध्यम दर्जे के सींग, जो मस्तक के बगल से सीधी दिशा में निकल कर धीरे धीरे ऊपर व अन्दर की और मुड़ते हैं ।
  4. कान लम्बे व लटकते हुये
  5. मध्यम दर्जे का थुआ कधो पर आगे आता हुआ होता है।
  6.  काले झवर वाली पूँछ, जो ऐडी तक पहुँचती है।

3.नागौरी


आवास :- मूल स्थान राजस्थान में नागौर जिला एंव जोधपुर जिले का उत्तरी-पूर्वी भाग


शारीरिक लक्षण :-

  1. प्रायः सफेद रंग के होते हैं।
  2. बैल चुस्त एवं फुर्तीले होने के साथ-साथ हल में चलाने के लिए भी प्रसिद्ध
  3. शरीर लम्बा एवं मजबूत
  4. पुठे मजबूत
  5. कमर सीधी व ललाट समतल
  6. त्वचा मुलायम व मुतान (Sheath) छोटी होती है।


4. हरियाणा

आवास - मुख्यतः सीकर, झुन्झुनू अलवर, भरतपुर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर तथा जयपुर जिले में पायी जाती हैं।

शारीरिक लक्षण :-

  1. सिर ऊँचा, शरीर गठीला. रंग सफेद
  2. चेहरा लम्बा
  3. मस्तक सपाट किन्तु थोड़ा उठा हुआ
  4. मस्तक के मध्य एक हड्डी काफी उठी हुई होती है, जो इस नस्ल की प्रमुख पहचान 
  5. नथुना चौड़ा, चमकदार बड़ी आँखें व कान छोटे
  6. पतली एवं लम्बी गर्दन तथा थुआ (Hump) विकसित
  7. थन औसत लम्बाई तथा अगले धन पिछले थनों से लम्बे होते है ।




5.मालवी


आवास - यह नस्ल मुख्यत झालावाड, कोटा, बारा, पूँन्दी एव सवाईमाधोपुर, जिलो में पायी जाती है।


शारीरिक लक्षण


  1. शरीर गठीला और रंग सफेद या स्लेटी (Grey) होता है।
  2. मालवी नस्ल की दो जातिया है। बड़ी मालवी जो झालावाड़ जिले में तथा छोटी मालनी कोटा, उदयपुर जिलों में पायी जाती है।
  3. पशु छोटे गहरे व गठीले बदन के
  4. सीधी कमर व पुट्ठे डालू
  5. मुतान लटका हुआ किन्तु अधिक विकसित नहीं

6.काँकरेज


आवास :- मुख्यतः बाडमेर, जालौर, सांचोर एवं जोधपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में पायी जाती हैं।


शारीरिक लक्षण:


  1. पशु तेज चलने और बोझा ढोने के लिए शक्तिशाली होते हैं
  2. शरीर लम्बा व शक्तिशाली
  3. अपेक्षाकृत चौड़ा ललाट, जो बीच में घसा हुआ होता है।
  4. सींग मजबूत य मुड़े हुए, जो मस्तक के बाहरी कोनो से निकलकर बाहर की ओर, फिर ऊपर व बाद में अन्दर की ओर मुडते है। सींग काफी ऊँचाई तक चमड़ी से ढके रहते हैं ।
  5. प्रमुख पहचान सवाई चाल (पशु का पिछला पैर जमीन पर टिकने से पूर्व ही अगला पैर उठ जाता हैं।



7.राठी


आवास - बीकानेर एवं सीमावर्ती चुरू गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में पाये जाते हैं।


शारीरिक लक्षण -


  1.  शुष्क क्षेत्रों में पाये जाने वाले इस वंश के पशु माध्यम आकार के मजबूत व अच्छी किस्म के होते हैं । 
  2. ललाट फंसा हुआ
  3. सींग छोटे तथा सींगों के मध्य (पोल क्षेत्र) में हड्डी का उभार स्पष्ट होता है व त्वचा ढीली
  4. पूंछ काली, झब्बूदार व छोटी होती है, जो टखने के नीचे तक पहुंचती है।








राजस्थान में पशुपालन : अवसर एवं चुनौतीयां

राजस्थान में पशुपालन : अवसर एवं चुनौतीयां



कृषकसमाज शुरू से ही पशु सेवा के प्रति समर्पित रहा लेकिन पशुपालन व्यवसाय आज भी सफल आधार नहीं बन पाया है कारण स्पष्ट है, उत्पादन क्षमता का अभाव, क्षेत्रों में विशाल पशुधन संख्या तो उपलब्ध है लेकिन पशुओं की उत्पादन क्षमता बहुत ही कम है, अर्थात उपलब्धता तो सुनिश्चित है, लेकिन उत्पादकता सुनिश्चित नहीं है। आवश्यकता है उपलब्ध उच्च कोटि के प्रमाणित देशी नस्लों का वैज्ञानिक संरक्षण एवं संवर्द्धन तथा अवर्गीकृत निम्न श्रेणी के पशुओं में प्रजनन द्वारा उत्पादकता में वृद्धि की। प्रदेश में पशुधन विकास की अपार सम्भावनाएं है और इन सम्भावनाओं के साथ जुडी हुई ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की विपुल सम्भावनाएं।



               



देश की बढ़ती हुई जनसंख्या तथा निरंतर दूध की बढ़ती हुई मांग को संतुष्ट करने हेतु दुग्ध उत्पादन वृद्धि कार्यक्रमों का अत्यधिक महत्व है। भारत सरकार तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड द्वारा संचालित दुग्ध उत्पादन वृद्धि कार्यक्रम के फलस्वरूप दुग्ध उत्पादन मात्रा की दृष्टि से आज हम अगणीय स्थान पर हैंलेकिन फिर भी हमें दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काफी प्रयास करना है। पिछले दशकों में भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ ऐसे आमूल परिवर्तन हुये है जिनकी कल्पना भी नही की जा सकती थी। 1970 के दशक में भारतीय कृषि व्यवस्था में हरित क्रान्ति योजना के सफलता से कियात्वयन के फलस्वरूप आज हमारा देश खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो चुका है । लेकिन भारत में विश्व के अन्य देशों की तुलना में सर्वाधिक पशु संख्या होने के बावजूद भी हम दुग्ध उत्पादन में अभी बहुत पीछे है।


देश की बढ़ती हुई जनसंख्या तथा समानुपाती बढ़ती हुई दूध की मांग की पूर्ति की दृष्टि से अभी दुग्ध उत्पादन वृद्धि के क्षेत्र में बहुत प्रयास करने की आवश्यकता है। विभिन्न पंचवर्षीय योजनाओं में पशुपालन एवं डेयरी विकास को वैज्ञानिक स्वरूप अवश्य मिला है और देश में पशु चिकित्सा विज्ञान
विश्वविद्यालयों की स्थापना के साथ-साथ उनमें डेयरी पशुपालन एवं विज्ञान के विषयों में शिक्षा व शोध की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित हुयी लेकिन हमारे प्रदेश की गायों व भैंसों के दुग्ध उत्पादन की आनुवंशिक क्षमता तथा उनके पर्याप्त पोषण की दिशा में अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है।


राजस्थान की अर्थव्यवस्था कृषि उत्पादन द्वारा संचालित होती है और कृषि का एक महत्वपूर्ण अंग है पशुपालन । प्राचीन काल से ही किसान का धन रहा है जो उसकी सम्पन्नता तथा सामाजिक व आस्थाओं को पूरा करने में आदिकाल से योगदान देते आ रहे हैं समय के बदलाव के साथ सथ जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण की प्रक्रिया में लोगों के जीवनयापन के तरीकों में परिवर्तन आया और दूध की मांग में वृद्धि हुई, पशुपालन व्यवसाय स्वरोजगार के रूप में पनपने लगा है ।


भारत का राजचिह्न

 भारत का राजचिह्न 



भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है।


एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है।

 पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। 


मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं।


फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'


भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया।


इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नही देता। 

भारत का राष्‍ट्रीय ध्‍वज

 

भारत का राष्‍ट्रीय ध्‍वज




  1. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं: 
  2. केसरिया रंग सबसे ऊपर, 
  3. सफेद बीच में और
  4. हरा रंग सबसे नीचे
  5. इसका प्रारूप सारनाथ में अशोक के सिंह स्तंभ पर बने चक्र से लिया गया है। 

  6. व्यास सफेद पट्टी की चौड़ाई के लगभग बराबर है और इसमें 24 तीलियां हैं। 
  7. भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया।
  8.  ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। 
  9. सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है।

  • केसरिया रंग देश की ताकत और साहस को दर्शाता है।
  • सफेद पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है। 
  • हरा रंग देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाता है।

पढ़ने में मन कैसे लगाएं

 

पढ़ने में मन कैसे लगाएं

 


चाहे वह स्कूल के विद्यार्थी कॉलेज के विद्यार्थी आज के इस दौर में जब मन भटकाने वाले साधनों की कमी नहीं है

छात्रों के लिए इस समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है

कंपटीशन एग्जाम की तैयारी करने वाले

इसी सम्बन्ध में छात्रों की बहुत सारी समस्याएं हैं जो उन्होंने मेरे साथ शेयर की जैसे 

जब भी किताब खोलते हैं नींद आने लगती है

नींद नहीं आती है तो थोड़ी देर बाद दिमाग कहीं और चला जाता है

देख किताब की तरफ रहे है और दिमाग कहीं और है

4 लाइनें पढ़ने के बाद मोबाइल बज जाता है

  नहीं थोड़ी देर में कोई दोस्त आ जाए

इन सब समस्याओं का समाधान इस वीडियो में बताऊंगा जिससे आपको पढने में मजा आने लग जायेगा

फिर कभी आपको इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा

 

 सबसे बड़ा कारण है दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी है इच्छा शक्ति मजबूत है तो आंधी आए तूफान आए आपको पढ़ने से कोई नहीं रोक सकता सबसे बड़ी कमी दृढ़ निश्चय की आप अपने दिमाग में एक बार ध्यान दें आपको पढ़ना है 

 दुनिया की कोई भी ताकत आप को रोक नहीं सकती और रही बात भीड़ की तो अगर आपने खा लिया उस दिन तो छोड़िए रात को भी नींद नहीं आई

 

अब हम बात करेंगे सोशल मीडिया दुनिया को देखने से दुनिया नहीं बदलने वाली शुरुआत आपको अपने आप से करनी है दिन भर दोस्तों को फोटो देखते रहने आपका कोई भला नहीं होगा आप 2 साल से वही देख रहे हैं अगर आपको कोई एक फायदा हुआ हो तो आप अपने दिल पर हाथ रख कर दो अगर फायदा होता आपको तो 2 साल से देख रहे हैं अगर 2 साल में भी कोई फायदा नहीं हुआ तो आगे से कोई फायदा नहीं है आप पिछड़ नहीं जाएंगे सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ क्रांतिकारी कटी घटित नहीं हो रहा है 

कंपटीशन एग्जाम  वाले  ध्यान दें  चाय की टपरी पर बैठने से अखबार के नोट नहीं बनेंगे ग्रुप स्टडी से फायदा होता है परंतु चाय की चर्चा तब आपकी खैरियत से निकलकर राजनीति की तरफ हो जाती है आपको पता भी नहीं चलता और आपका बहुमूल्य समय अनावश्यक बातों में ही खर्च हो जाती है इसलिए अपने समय का सदुपयोग करने में ध्यान बहुत ही ज्यादा समय वहां पर व्यतीत करने से जब आप पढ़ने बैठते आपका भी जाता है 

 

मन को भटकने से रोकने का रामबाण इलाज यह है की सिर्फ अपने विचारों को अपने दिमाग में रखे जो आपकी पढ़ाई से संबंधित उन लोगों से मिले जो आपके लक्ष्य से संबंधित है ज्ञानी उन्हीं बातों पर चर्चा करें जो आपके विषय से संबंधित अपने रिश्तेदारों से बात करें अपने लक्ष्य के बारे में ही बात करें आपके दिमाग में पढ़ने से संबंधित विचार ही आएगी इसलिए जवाब पड़ने बैठोगे तो कोई और विचार है कहीं आपने उसका मुंह तोड़ ही बंद कर दिया है 

 

मॉर्निंग वॉक पर जरूर चाहिए इससे हमारे फ्रेंड को ऑक्सीजन की सप्लाई होती है और हमारा वन दिनभर प्रसन्न चित्त रहता है और अगर आपको विश्वास हो 1 दिन जाएं और उस दिन फील करें महसूस करें अंदर से हां

 

 अगर मॉर्निंग वॉक नहीं जा सकते हैं तो योगा करें या कोई फिजिकल एक्सरसाइज करें या कोई खेल खेलें क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता

 

और अगर दिमाग में अपने विचार आते हैं उन्हें दबाने के बगैर आप अपने दिमाग को पढ़ाई की तरफ बोलो अगर आप यह सोचेंगे कि जान हैं हम तो वह आएंगे आप यह सोचकर आप अपने दिमाग को पढ़ने की तरफ से प्रयास करें 

जब आपका मन करे तब आप पढ़ सकते हैं हर व्यक्ति विशेष की अलग खासियत होती है किसी को सुबह याद होता है किसी को दिल में याद होता है किसी को रात में याद होता है किसी को भूखे पेट याद होता है किसी को ज्यादा खाने के बाद में मन लगता है इसलिए दूसरों की तरफ ना देखें अपने हिसाब से अपना टाइम टेबल सेट करें




जहां तक हो सके अपनी पढ़ने वाली जगह पर ज्यादा सामान ना रखें सिर्फ पढ़ने से संबंधित सामान ही रखें जिन छात्रों को पढ़ने में बहुत ज्यादा समस्या है वह लिख कर पढ़ें इसमें समय ज्यादा लगता है लेकिन यह आपके द्वारा खराब किए गए समय से लाख गुना बेहतर है जैसे अगर आप 55 मिनट एक किताब को लेकर बैठे हैं और कुछ भी पढ़ा नहीं लेकिन अगर आप 55 मिनट तक लिखेंगे तो आप 5 पेज लिख चुके पढ़ चुके होंगे बोल चुके हो और सुन चुके हो 

 

जोर जोर से बोल कर पढ़ें अगर आपका मन बार-बार दूसरी जगह जा रहा है 

स्मार्ट वर्क या हार्ड वर्क

 स्मार्ट वर्क या हार्ड वर्क 



गधा बहुत मेहनती होता है जबकि नौकरी लोमड़ी की लगती है

 कंपटीशन एग्जाम वाले ध्यान दें

 समय और धन की बर्बादी ना करें

 दिमाग से काम ले

 

स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क इन दोनों के बारे में हम सब ने सुना

परंतु इस पर अमल कुछ ही लोग करते हैं और जो लोग करते हैं वह स्मार्ट हो जाते हैं

 

लड़का 5 साल से कॉन्स्टेबल की तैयारी में लगा हुआ है पटवारी की तैयारी में लगा हुआ आईएएस की तैयारी में लगा हुआ है बस लगा हुआ ही है नौकरी नहीं लग रही इरादे बिल्कुल मजबूत है इरादों में कहीं कोई कमी नहीं है 

पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रहा है पर कहीं सिलेक्शन नहीं हो रहा क्यों

 

 लगा हुआ है मेहनत करने में दिशा और दशा से कोसो दूर है 

कंही कोई रणनीति नहीं है बस लगे हुए है 

 

इसका हल क्या है ?

इसी बात पर आज हम चर्चा करेंगे 

 

जिस भी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं योजनाबद्ध तरीके से करें 

ऐसी रणनीति बनाएं जो आपके हिसाब से सही हो ना की किसी दूसरे के द्वारा बताई गई हो 

क्योंकि अगर आपको स्वर्ग जाना है तो मरना भी आपको ही पड़ेगा 

 

एक बार जो रणनीति बना ली उस पर कायम रहे  हां थोड़ा बहुत लचीलापन हो सकता है पर विपरीत परिस्थितियां ना हो यानी जो किताबें एक बार आपने सेलेक्ट  कर ली उन पर ही अपना विश्वास रखें ऐसा ना हो की एक किताब को आधी पढ़ने के बाद उसे छोड़कर दूसरे खिताब को पढ़ें इससे आप न  घर के रहेंगे ना घाट के क्योंकि इससे समय की अनावश्यक बर्बादी होगी दोनों में से कोई भी किताब याद नहीं होगी क्योंकि समय की सीमा हमेशा होती है

 

पुराने प्रश्न पत्रों को अवश्य हल करें क्योंकि इससे आपको संबंधित एग्जाम के स्तर के बारे में पता चल सकेगा 

 

रिवीजन करने पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दो क्योंकि मायने यह रखता है कि आप  सवाल का  बिल्कुल सही जवाब दे पाए और रिवीजन से ही यह संभव है की नींद में भी आपसे कुछ प्रश्न किये जाये  तो आप उस प्रश्न का जवाब तुरंत दे सकें अन्यथा एग्जाम में सभी जवाब सही लगे सभी पढ़े हुए भी लगेंगे इस समस्या का हल सिर्फ रिवीजन है

 

सिलेबस के हिसाब से शॉर्ट नोट्स बनाएं तकरीबन 10 20 पेज के जिन से तुरंत रिवीजन हो जाए 

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन भाग 3

 कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन

 भाग 3


चिप्स तो हम सभी खाते हैं हमने देखे हैं उसमें हवा भरी होती है वह हवा क्यों भरी होती है

 क्या वह सिर्फ हवा होती हैं या कोई गैस होती है जिसका कोई स्पेशल रोल होता है उस गैस का इंपोर्टेंस क्या है 

केमिकल रिएक्शंस में कुछ एलिमेंट दुसरे  एलिमेंट को रिप्लेस कर देते हैं

डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन में ज्यादा एक्टिव एलिमेंट कम रिएक्टिव एलिमेंट को रिप्लेस कर देता हहै  जैसे जब आयरन कॉपर सल्फेट के साथ रिएक्शन करता है तो कॉपर सल्फेट में से कॉपर रिप्लेस हो जाता है और आयरन सल्फेट बनता है इसी कारण आयरन नेल   पर  cu की पर चढ़ने के कारणभूरा  हो जाता है जबकि कॉपर सल्फेट आयरन सल्फेट में परिवर्तित हो जाता है तो सलूशन का रंग  fade हो जाता है

कुछ और एग्जांपल में जिंक कॉपर को रिप्लेस कर देता है और जिंक सल्फेट बनाता है 

इसी तरह lade cucl2  से रिएक्शन करके लेडक्लोराइड बनाता है

क्योंकि जिंक और लेड कॉपर से ज्यादा रिएक्टिव एलिमेंट है 

 

दो रिएक्टेंट्स के बीच यदि आयन का एक्सचेंज होता है तो उसे डबल डिस्प्लेसमेंट रिएक्शन कहते हैं

AB+CD       →AC+BD

इस रिएक्शन में बीआरसी आपस में एक्सचेंज हो जाते हैं इस तरह की रिएक्शन में  एक ऐसा सब्सटेंस बनता है जो पानी में नहीं घुलता  है उसे precipitate. कहते हैं 

ऐसी कोई सी भी रिएक्शन जिसमें  precipitate व्बनता है उसे precipitation रिएक्शन कहते हैं

जैसे सोडियम सल्फेट बेरियम क्लोराइड से रिएक्शन करके सोडियम क्लोराइड और बेरियम सल्फेट बनाता है 

इस  रिएक्शन बेरियम सल्फेट का वाइट precipitate   बनता है जबकि सोडियम क्लोराइड पानी में घुलनशील अवस्था में रहता हूं 

 

किसी रिएक्शन में कंपाउंड या एलिमेंट में ऑक्सीजन add होने  पर उस कंपाउंड या एलिमेंट का ऑक्सीडेशन हो जाता है

जैसे मैग्नीशियम के रिबन को ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलाने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है इस रिएक्शन में मैग्नीशियम का ऑक्सीडेशन हो रहा है यानी कि मैग्नीशियम में ऑक्सीजन ऐड हो रहा हूं 

और यदि रिएक्शन के दौरान किसी कंपाउंड में से ऑक्सीजन का लॉस होता है या ऑक्सीजन निकल जाती है तो उस कंपाउंड का रिडक्शन हो जाता है 

यदि किसी रिएक्शन में एक रिएक्टेंट का  ऑक्सीडेशन हो और दूसरे रिएक्टेंट का  रिडक्शन हो रहा हो  यानी ऑक्सीडेशन रिडक्शन दोनों साथ साथ हूं तो उस रिएक्शन को रेडॉक्स रिएक्शन कहते हैं

कॉपर पाउडर को ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलाने पर कॉपर का ऑक्सीडेशन हो जाता है और कॉपर ऑक्साइड बनता है जो काले कलर का होता है और यदि इस मिक्सर पैसे हाइड्रोजन गैस गुजारी जाती है तो रिवर्स रिएक्शन होती है और कॉपर दोबारा बन जाता है जो भूरे कलर का होता है जैसा कि हम देख सकते हैं कॉपर ऑक्साइड में से ऑक्सीजन निकल रही है तो कॉपर ऑक्साइड का रिडक्शन हो रहा है और हाइड्रोजन गैस में ऑक्सीजन जोड़ रही है तो उसका ऑक्सीडेशन हो रहा है 

 

जिंक ऑक्साइड कार्बन से रिएक्शन करके जिंक और कार्बन मोनोऑक्साइड बनाता है इस रिएक्शन जिंक का रिडक्शन और कार्बन का ऑक्सीडेशन हो रहा है क्योंकि जिंक में से ऑक्सीजन निकल रही है

 

जब भी कोई कंपाउंड रिएक्शन के दौरान ऑक्सीजन अगेन करता है या हाइड्रोजन का लॉस होता है तो उसका ऑक्सीडेशन होता है 

और यदि रिएक्शन के दौरान उस कंपाउंड में से हाइड्रोजन ऐड होती है और ऑक्सीजन का नाश होता है तो उसका रिडक्शन हो जाता है

MnO2 +4HCl        →   MnCl  +   H2O   +    Cl2

HCl is oxidised to Cl2

MnO2 is reduced to MnCl2.

जैसे मैग्नीशियम ऑक्साइड एचसीएल से रिएक्शन करके मैग्नीशियम क्लोराइड और H2O बनाता है इस रिएक्शन में एचसीएल का ऑक्सीडेशन हो रहा है क्योंकि हाइड्रोजन निकल रही है और मैग्नीशियम ऑक्साइड का रिडक्शन हो रहा है क्योंकि ऑक्सीजन निकल रही है

 

कॉमन लाइफ में ऑक्सीडेशन रिडक्शन रिएक्शन के  बहुत प्रभाव है 

जैसे मेटल्स सराउंडिंग की ऑक्सीजन या मॉइश्चर या एसिड से रियेक्ट  कर लेते हैं और ऑक्सिडाइज हो जाते हैं जिससे कि उनका डीके शुरू हो जाता है इस प्रोसेस को कोरोजन कहते हैं 

जैसे लोहे के आर्टिकल्स बहुत चमकीले होते हैं जब वह नए होते पर जैसे ही मॉइश्चर के संपर्क में आते हैं एक लाल पाउडर उन पर जमा हो जाता है सिल्वर पर ब्लैक कोटिंग हो जाती है और कॉपर पर हरि कोटिंग हो जाती है

कोरोजन से कार की बॉडी आयरन ब्रिज रैलिंग्स और शिप  खराब हो जाते हैं

डैमेज आयरन को रिप्लेस करने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च करना पड़ता है 

 

जब फैट या ऑयल का ऑक्सीडेशन होता है तो उनका टेस्ट और smell खराब हो जाता है वह खाने योग्य नहीं रहते इसलिए उनमें ऐसे सब्सटेंसस को ऐड किया जाता है जिससे उनका ऑक्सीडेशन रोका जा सके ऐसे सब्सटेंसस को एंटीऑक्सीडेंट कहते हैं 

 

फूड को एयरटाइट कंटेनर में रखने से ऑक्सीडेशन को रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है आलू के चिप्स के पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है जिससे कि उसका ऑक्सीडेशन ना हो 

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन भाग दो

कक्षा 10 विषय विज्ञान टॉपिक -केमिकल इक्वेशन एंड रिएक्शन 

भाग दो 



केमिकल रिएक्शंस में कभी 2 कंपाउंड मिलकर एक कंपाउंड बनाते हैं और कभी एक कंपाउंड टूट कर दो कंपाउंड बनते हैं कभी एनर्जी रिलीज होती है कभी एनर्जी का यूज़ होता है कभी रिएक्शन होने के लिए कुछ स्पेशल कंडीशन की रिक्वायरमेंट होती है बिना उस स्पेशल कंडीशन के रेएक्शन परफॉर्म्ड नहीं की जा सकती है

केमिकल रिएक्शन के दौरान एक एलिमेंट के एटम दूसरे एलिमेंट के एटम में चेंज नहीं होते हैं

एटम्स ना  तो बाहर से ऐड होते हैं ना रिएक्शन में से कम होते हैं 

केमिकल रिएक्शन में नए कंपाउंड बनने के लिए पुराने बॉन्ड टूटते हैं और नए बॉन्ड बनते हैं 

8 तरह की केमिकल रिएक्शंस के बारे में हम पढ़ेंगे 

1.Combination Reaction

2.Exothermic Chemical Reactions

3.Decomposition Reaction

4.Thermal Decomposition.

5.Endothermic Chemical Reactions

6.Displacement Reaction

7.Double Displacement Reaction

8.Oxidation And Reduction


कांबिनेशन रिएक्शन में दो या ज्यादा कंपाउंड मिलकर एक सिंगल कंपाउंड बनाते हैं जैसे ए बी सी तीन कंपाउंड  मिलकर एक सिंगल कंपाउंड एबीसी बनाते हैं

कांबिनेशन रिएक्शन के कुछ एग्जांपल देखेंगे 

जैसे कैल्शियम ऑक्साइड h2o के साथ मिलकर कैलशियम हाइड्रोक्साइड का सलूशन बनाता है इस रिएक्शन में हीट जनरेट होती है इसका पता बीकर को हाथ से छू कर लगाया जा सकता है जिसमें दोनों रिएक्टेंस को मिलाया गया है रिएक्शन के बाद बीकर गर्म हो जाता है इस रिएक्शन में बहुत ज्यादा हिट जनरेट होती है इसलिए बीकर को हाथ लगाने से पहले सावधानी रखें

दूसरा एग्जांपल है कोयले का जलना इसमें कार्बन ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलता है और कार्बन डाइऑक्साइड जनरेट करता है इस रिएक्शन में भी heat

 जनरेट होती है

 तीसरा एग्जांपल है हाइड्रोजन गैस और ऑक्सीजन मिलकर h2o का फॉरमेशन करते हैं

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अब हम डिस्कस करेंगे एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शंस के बारे में इन रेएक्शंस में प्रोडक्ट बनने के साथ हीट जनरेट होती है

कैल्शियम ऑक्साइड h2o के साथ मिलकर कैलशियम हाइड्रोक्साइड का सलूशन बनाता है इस रिएक्शन में हीट जनरेट होती है इसका पता बीकर को हाथ से छू कर लगाया जा सकता हैइस रिएक्शन के बारे में हम पहले भी पढ़ चुके हैं 

Ch4 मीथेन जिसे नेचुरल गैस भी कहते हैं ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलकर CO2 और  H2o प्रोड्यूस  करती है इस रिएक्शन में भी हीट  जनरेट होती है यह एक एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन है

रेस्पिरेशन b1 एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन है इस रिएक्शन में ग्लूकोस के मॉलिक्यूल ऑक्सीजन से  रियेक्ट  करके CO2 H2o जनरेट करते हैं और साथ में एनर्जी भी रिलीज होती है फूड का डाइजेशन होता है उससे ग्लूकोस के छोटे मॉलिक्यूल बनते हैं और ग्लूकोस रेस्पिरेशन रिएक्शन में  एनर्जी रिलीज करता हूं

वेजिटेबल के डीकंपोजिशन से कंपोस्ट बनाने की प्रोसेस में भी एनर्जी रिलीज होती है यह भी एक एग्जॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन है

डीकंपोजिशन रिएक्शन में एक सिंगल कंपाउंड टूट कर सिंपल कंपाउंड बनाता है जब डीकंपोजिशन रिएक्शन में कंपाउंड को तोड़ने के लिए एनर्जी का यूज किया जाता है तो उसे थर्मल डीकंपोजिशन रिएक्शन कहते हैं 

फेरस सल्फेट के क्रिस्टल को गर्म करने पर फेरिक ऑक्साइड बनता है और सल्फर गैस निकलती है .फेरस सल्फेट का हरा कलर भी चला जाता है क्योंकि फेरिक ऑक्साइड बन जाता हैसल्फर की बहुत तेज स्मेल आती है इसलिए टेस्ट ट्यूब को अपने चेहरे सेदूर रखें 

कैल्शियम कार्बोनेट को गर्म करने पर कैलशियम ऑक्साइड  बनता है और कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है 

इस रिएक्शन का  इंडस्ट्रीज में बहुत इंपोर्टेंट रोले  है जैसे सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग 

कैल्शियम ऑक्साइड का कॉमन नेम क्विक लाइम है 

लेड नाइट्रेट को गर्म करने पर लेड ऑक्साइड बनता है नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन गैस निकलती है इस रिएक्शन के दौरान जो ब्राउन फ्यूम्स निकलते हैं वह नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस के कारण होते हैं 

सिल्वर क्लोराइड का सनलाइट की प्रेजेंट में डीकंपोजीशन हो जाता है जिससे सिल्वर बनता है और क्लोरीन गैस निकलती है

सिल्वर ब्रोमाइड सनलाइट की प्रेजेंट में इसी तरह का व्यवहार करता है और सिल्वर और ब्रोमिन गैस में डीकंपोज हो जाता है इस रिएक्शन का यूज ब्लैक एंड व्हाइट फोटोग्राफी में किया जाता है 

डीकंपोजिशन रिएक्शन में रिएक्टेंस के बीच के बांड को तोड़ने के लिए   एक्सटर्नल एनर्जी की रिक्वायरमेंट होती है यह हीट  के फॉर्म में हो सकती है लाइट के फॉर्म में हो सकती है या इलेक्ट्रिसिटी के फॉर्म में हो सकती है

 

रिएक्शन जिनमें एक्सटर्नल एनर्जी की रिक्वायरमेंट होती है रिएक्शन के होने के लिए उन्हें एंडॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन कहते हैं हमने अभी  जो रिएक्शंस देखी है उनमें एनर्जी देकर कंपाउंड को तोड़ा गया है यह सभी रिएक्शन एंडॉथर्मिक केमिकल रिएक्शन hae

जैसे मैग्नीशियम के रिबन को ऑक्सीजन की प्रेजेंट में जलाया जाता है तो मैग्नीशियम ऑक्साइड का पाउडर बनता है यह एक एंडॉथर्मिक केमिकल रिएक्श है  क्योंकि इसमें बाहर से हीट दी जार रही है 

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