राजस्थान में प्रथम

 



राजस्थान में प्रथम
प्रथम महाराजा प्रमुखमहाराणा भूपाल सिंह
प्रथम राज प्रमुखसवाई मानसिंह
प्रथम मुख्यमंत्रो (मनोनीत)हीरालाल शास्त्री
प्रथम मुख्यमंत्री (निर्वाचित)टीकाराम पालीवाल
सबसे अधिक कार्यकाल वाले मुख्यमंत्रीमोहनलाल सुखाड़िया (4 बार)
पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रीभैरोसिंह शेखावत
पहले दलित मुख्यमंत्रीजगन्नाथ पहाड़िया
प्रथम महिला मुख्यमंत्रीवसुंधरा राजे
प्रथम महिला उप मुख्यमंत्रीकमला बेनीवाल
प्रथम महिला मंत्रीकमला बेनीवाल
प्रथम राज्यपालगुरुमुख निहालसिंह
प्रथम महिला राज्यपालप्रतिभा पाटिल
प्रथम विधानसभा अध्यक्षनरोत्तम लाल जोशी
प्रथम विधानसभा उपाध्यक्षलालसिंह शक्तावत
प्रथम महिला विधानसभाध्यक्षसुमित्रासिंह
विधानसभा में प्रतिपक्ष के प्रथम नेताकुंवर जसवन्त सिंह
पहली महिला जिला कलेक्टरओटिमा बोडिया
विधानसभा में प्रथम मुख्य सचेतकमथुरादास माथुर
प्रथम महिला विधायकयशोदा देवी
प्रथम जिला प्रमुखचौधरी लिखमाराम
प्रथम महिला मुख्य सचिवकुशलसिंह
प्रथम मुख्य सचिवके. राधाकृष्णन
प्रथम पुलिस महानिरीक्षकपी. बनर्जी
प्रथम पुलिस महानिदेशकरघुनाथ सिंह
राज्य वित्त आयोग के प्रथम अध्यक्षकृष्ण कुमार गोयल
प्रथम मुख्य न्यायाधीशकमलकान्त वर्मा
मानवाधिकार आयोग के प्रथम अध्यक्षकांता भटनागर
राज्य महिला आयोग की प्रथम अध्यक्षकान्ता कथूरिया
राज लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्षसर एस. के. घोष
राज की प्रथम महिला फ्लाईग ऑफिसरनिवेदिता
राज की प्रथम महिला पायलटनम्रता भट्ट
राजस्थान का स्थापना दिवस30 मार्च
विधान सभा सदस्य200
राजस्थान सेकासभा ररदसय25
राजस्थान से राज्यसभा सदस्य10
राजस्थान की विधान परिषद में सदस्य66
1ऽयों लोकसभा में राजस्थान से महिला सांसद3
राजस्थान उचन्यायालयजोधपुर (खण्डपीठ-जयपुर)
राज्य का प्रथम आकाशवाणी केन्द्रजयपुर (1955)
राज्य का प्रथम दूरदर्शन प्रसारण केन्द्रजयपुर (5 मार्च 1977)
राजस्थान को प्रथम राजस्थानी फिल्मनजराना
राज्य गीतकेसरिया बालम पधारो नी म्हारे देश।
राजस्थान की बर्मोपोलीहल्दीघाटी
मेवाड़ का मेराथनदिवेर का युद्ध
राजस्थान का खजुराहोकिराडू
राजस्थान का वेल्लोरभैंसरोडगढ़
आज के दौर का नालन्दा (शिक्षा नगरी)कोटा
राज्य का पहला शिल्पग्रामहवाला गांव (उदयपुर)
राज्य का पहला राष्ट्रीय उद्यानरणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान (sawai madhopur)
राज्य का प्रथम स्टॉक एक्सचेंजजयपुर

राजस्थान की प्रमुख झीलों से संबंधित स्थान

 



प्रमुख झीलों से संबंधित स्थान
झीलस्थान
बालसमन्द झीलजोधपुर
पिछौला झीलउदयपुर
नवलखा झीलबूंदी
राजसमन्द झीलराजसमन्द
फाई सागर झीलअजमेर
पंचभद्रा झीलबाड़मेर
गडसीसर झीलजैसलमेर
कोलायत झीलबीकानेर
गलता झीलजयपुर
जगरूपसागर झीलजैसलमेर
नक्की झीलसिरोही
फूल सागरअजमेर
सांभर झीलजयपुर
नवल सागर झीलबूंदी
जयसमन्द झीलउदयपुर
फतहसागर झीलउदयपुर
फलौदी झीलजोधपुर
लूनकरणसर झीलबीकानेर
उदय सागर झीलउदयपुर
अमर सागर झीलजैसलमेर
जवाहर सागर झीलकोटा
कायलाना झीलजोधपुर
छप्पर लेकसुजानगढ़
थेला झील.अलवर
आना सागर झीलअजमेर
डीडवाना झीलनागौर
कावोद झीलजैसलमेर
मूल झीलजैसलमेर
जैन सागरअजमेर
कीर्ति सागर झीलमहोबा
किशोर सागर झीलबूंदी
सिलीसेढ़ झीलअलवर

राजस्थान के प्रमुख बाँध व सम्बन्धित नदियाँ

 

 

राजस्थान के प्रमुख बाँध व सम्बन्धित नदियाँ 

राजस्थान के प्रमुख बाँध व सम्बन्धित नदियाँ
बाँधनदी
मेजा बाँधकोठारी
पोंग बाँधव्यास नदी
जाखम बाँधजाखम
मोरेल बाँधमोरेल
जवाहर सागर बाँधचम्बल
गाँधी सागर बाँधचम्बल
छापी बाँध परियोजनाछापी
हरिके बैराजसतलुज, व्यास
जवाई बाँधजवाई
माही बजाज सागरमाही
सरदार सरोवर बाँधनर्मदा
पश्चिमी बनास बाँधपश्चिमी बनास
पांचना बाँधभद्रावती,अटा,बरखेड़ा, भैसावट, माची
राणा प्रताप सागर बाँधचम्बल
बीसलपुर बाँध परियोजनाबनास
चाकण सिंचाई परियोजनाचाकण
अड़वान बाँधमान्सी
खारी बाँधखारी

 

राजस्थान की मीठे पानी की झीलें


 राजस्थान की मीठे पानी की झीलें

जयसमंद झील


उदपपुर स्थानीय नाम-डेभर 

 निर्माण मेवाड़ महाराणा जयसिंह 1685 ई. में गोमती नदी के जल को रोकर करवाया गया। झील में सबसे बड़ा टापू बाबा का भागड़ा' कहलाता है।

 फतेहसागर झोल

(उदयपुर)महाराणा जयसिंह द्वारा निर्मित इस झील का पुनर्निमाण महाराणा फतेहसिंह ने करवाया झील में ने पार्क व सौर वैधशाला स्थित है।


आनासागर झील

(अजमेर)आनाजो चौहान द्वारा निर्मित इस झील के किनारे बारादरी का का निर्माण शाहजहाँ के द्वारा दौलत बाग (सुभाष उद्यान) का निर्माण जहांगीर के द्वारा करवाया गया।


राजसमंद झील

(राजसमंद)महाराणा राजसिंह द्वारा निर्मित इस मनोरम झील का उत्तरी भाग नौ चौकी कहलाता है जहाँ पर 25 विशाल शिलालेखों (राजप्रशस्ति) में मेवाड़ राज्य का इतिहास अंकित है।



नक्की झील

(सिरोही)राजस्थान में सर्वाधिक ऊँचाई आबू पर्वत पर स्थित झील, जो भूगोल वेत्ताओं के अनुसार एक क्रेटर झील है। इस झील के किनारे रघुनाथ जी का मंदिर, नॉन रॉक, टॉड रॉक, पैरंट रॉक, हाथी गुफा व चम्पा गुफा अवस्थित है।


पुष्कर झील

(अजमेर)भारत की सबसे पवित्र मानी जाने वाली पुष्कर झील के किनारे ब्रह्मा मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, वराहमंदिर एवं गायत्री मॉदर स्थित है।



सिलिसेढ झील

(अलवर)इस झील के किनारे पर 1845 ई. में अलवर के राजा विनयसिंह द्वारा एक शिकारगाह एवं महल का निर्माण करवाया गया।




पिछोला झील


उदपपुर

मेवाड़ के राणा लाखा के शासनकाल में एक बंजारे द्वारा निर्मित इस झील की मरम्मत महाराणा उदयसिंह ने करवाई। जगनिवास एवं जग मंदिर महल इस झील के मध्य स्थित है।


 

राजस्थान में मीठे पानी को अन्य महत्वपूर्ण झीले

नवलखा झील ( बून्दी), बालसंमद झील (जोधपुर), गैब सागर (ड्रैगरपुर), कायलाना (जोधपुर), उदयसागर झील (उदयपुर), पन्नालाल शाह का तालाब (खेतड़ी), गडसीसर तालाब (जैसलमेर), फायसागर (अजमेर), रामसागर (धौलपुर) एवं मानसागर (जयपुर)

 


 


 

 

राजस्थान की लवणीय झीलें



 

 राजस्थान की लवणीय झीलें

सांभर झील

(जयपुर, नागौर, अजमेर)

भारत में खारे पारी की सबसे बड़ी झील।

इस झील में मन्था, रूपनगढ़, खारी एवं खण्डेला नदियाँ तथा कई लघु धाराएँ आकर मिलती है।

साँभर से देश के कुल नमक उत्पादन का 8 प्रतिशत प्राप्त होता है।


 

पचपदरा झील (बाड़मेर)

सोडियम क्लोराइड की मात्रा सर्वाधिक 98 प्रतिशत सर्वोत्तम खाद्य नमक • यहाँ पर खारवाल लोगों द्वारा 'मोरली' झाड़ी की टहनियों से नमक के स्फटिक बनाये जाते हैं।



डीडवाना झील (नागौर)


राज्य सरकार द्वारा स्थापित सोडियम सल्फेट बनाने का कारखाना यहाँ पर स्थित है।


लूणकरणसर झील (बीकानेर)


उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खाने पानी की झील, बीकानेर-श्रीगंगानगर मार्ग पर स्थित। 

खारे पानी की राज्य में अन्य झील :


कावोद (जैसलमेर), कुचामन एवं डेगाना (नागौर), काछोर एवं रैवासा (सीकर), पोकरण (जैसलमेर), फलौदी (जोधपुर) राज्य में खारे पानी की झीलें टेथिस सागर के अवशेष मानी जाती हैं।

सांभर झोल राजस्थान में समुद्रतल से सबसे कम ऊँचाई वाला क्षेत्र माना जाता हैं।


राजस्थान के संभाग


राजस्थान
के संभाग

 स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् देशी रियासतों के एकीकरण कार्य के दौरान 30 मार्च, 1949 (चैत्र प्रतिपदा, 2006 विक्रमी) को राजस्थान का गठन 'बी' श्रेणी के राज्य के रूप में हुआ। 




अजमेर-मेरवाड़ा, आबू एवं सुनेल टप्पा के विलय के पश्चात् 1 नवम्बर, 1956 को राजस्थान का वर्तमान स्वरूप सामने आया। इसी दिन से राजस्थान 'अ' श्रेणी का अर्थात् भारतीय गणतंत्र का पूर्ण राज्य बना तथा सरदार गुरुमुख निहाल सिंह राज्य के पहले राज्यपाल (Governer) बने । इस समय राज्य के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।



हीरालाल शास्त्री राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री (मनोनीत) एवं जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय राजप्रमुख बने 


1952 के प्रथम आम चुनावों के पश्चात् श्री टीकाराम पालीवाल 03 मार्च को राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।


राज्य के प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के लिए संभागीय व्यवस्था (Division System) वर्ष 1949 में पांच संभागों जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर एवं उदयपुर की स्थापना के साथ प्रारंभ हुई। 1962 में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई, जिसे 26 जनवरी, 1987 को हरिदेव जोशी के मुख्यमंत्रीत्व काल में राज्य के छठे संभाग अजमेर के गठन के साथ प्रारंभ किया गया। राज्य के सातवें संभाग भरतपुर का गठन 4 जून, 2005 को किया गया।


इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना



इन्दिरा गाँधी नहर  परियोजना  

  1. राजस्थान की मरूगंगा' कहलाने वाली I.GN, परियोजना विश्व की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है। (संभावित सिंचाई क्षमता 19 लाख हैक्टेयर)
  2. इंदिरा गाँधी नहर परियोजना का नाम प्रारम्भिक 'राजस्थान नहर' था जिसे 3 नवम्बर, 1984 को देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के नाम पर इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना (I.G.N.P.) नाम दिया गया। इसका मुख्यालय (I.G.N.बोर्ड), जयपुर में है।
  3. 'बीकानेर राज्य में पानी की आवश्यकताएँ' नाम से एक लेख सन् 1948 में तत्कालीन बीकानेर रियासत के प्रमुख तत्कालीन इंजीनियर श्री कैवर सेन द्वारा लिखा गया जिसमें राजस्थान नहर (इंदिरा गाँधी नहर) की रूप रेखा बनाई गयी। इसीलिये श्री कँवर सेन को इस नहर का जनक माना जाता है।
  4. इस परियोजना का शिलान्यास 31 मार्च, 1958 को देश के तत्कालीन गृहमंत्री पं. गोविन्दवल्लभ पंत ने किया। नहर में सर्वप्रथम पानी 11 अक्टूबर, 1961 को भारत के तत्कालीन उप-राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन ने नौरंग देसर (हनुमानगढ़) से प्रवाहित किया।
  5. पंजाब में फिरोजपुर के निकट सतलज व व्यास नदियों के संगम पर हरिक बैराज बनाकर राजस्थान फील्डर निकाली गई है। जो IGN.P. मुख्य नहर को जलापूर्ति करती है।
  6. I.G.N.P. नहर की कुल सिंचाई 30% भाग लिफ्ट नहरों से तथा 70% शाखाओं के माध्यम से होता है। I.G.N.P. के द्वारा राज्य के आठ श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, जैसलमेर एवं बाड़मेर में सिंचाई हो रही है  इनमें से सर्वाधिक कुमाण्ड क्षेत्र क्रमशः जैसलमेर एवं बीकानेर जिलों का है। 
  7. इन्दिरा गाँधी मुख्य नहर-राजस्थान में मसीतावाली हैड (हनुमानगढ़) से मोहनगढ़ (जैसलमेर) तक 445 कि.मी. लम्बी जो हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर एवं जैसलमेर चार जिलों से होकर गुजरती है। 
  8. इंदिरा गाँधी नहर के कमाण्ड क्षेत्र का ढाल दक्षिण-पूर्व उत्तर पश्चिम की ओर है, अत इस परियोजना की सभी सात लिफ्ट नहरें मुख्य नहर के तरफ निकाली गई है।
  9. रावी-व्यास जल विवाद हेतु गठित इराडी आयोग ( 1986 ) के फैसले से राजस्थान को प्राप्त कुल 8.6 MAF जल में से 7.59 MAF जल का उपयोग I.G.N.P. के माध्यम से किया जायेगा। नहर पाकिस्तान की सीमा के समानान्तर 40 कि.मी. की औसत दूरी पर स्थित है।
  10. राजस्थान फीडर हरिके बैराज से मसीतावाली हैड (हनुमानगढ़)  तक 204 कि.मी. लम्बी है जो मुख्य नहर को जलापूर्ति करती है, यह फीडर पंजाब, हरियाणा व राजस्थान तीन राज्यों से गुजरती है।


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