राजस्थान के संभाग
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् देशी रियासतों के एकीकरण कार्य के दौरान 30 मार्च, 1949 (चैत्र प्रतिपदा, 2006 विक्रमी) को राजस्थान का गठन 'बी' श्रेणी के राज्य के रूप में हुआ।
अजमेर-मेरवाड़ा, आबू एवं सुनेल टप्पा के विलय के पश्चात् 1 नवम्बर, 1956 को राजस्थान का वर्तमान स्वरूप सामने आया। इसी दिन से राजस्थान 'अ' श्रेणी का अर्थात् भारतीय गणतंत्र का पूर्ण राज्य बना तथा सरदार गुरुमुख निहाल सिंह राज्य के पहले राज्यपाल (Governer) बने । इस समय राज्य के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया थे।
हीरालाल शास्त्री राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री (मनोनीत) एवं जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय राजप्रमुख बने
1952 के प्रथम आम चुनावों के पश्चात् श्री टीकाराम पालीवाल 03 मार्च को राजस्थान के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने।
राज्य के प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के लिए संभागीय व्यवस्था (Division System) वर्ष 1949 में पांच संभागों जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर एवं उदयपुर की स्थापना के साथ प्रारंभ हुई। 1962 में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई, जिसे 26 जनवरी, 1987 को हरिदेव जोशी के मुख्यमंत्रीत्व काल में राज्य के छठे संभाग अजमेर के गठन के साथ प्रारंभ किया गया। राज्य के सातवें संभाग भरतपुर का गठन 4 जून, 2005 को किया गया।
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