राजस्थान की मीठे पानी की झीलें
जयसमंद झील
उदपपुर स्थानीय नाम-डेभर
निर्माण मेवाड़ महाराणा जयसिंह 1685 ई. में गोमती नदी के जल को रोकर करवाया गया। झील में सबसे बड़ा टापू बाबा का भागड़ा' कहलाता है।
फतेहसागर झोल
(उदयपुर)महाराणा जयसिंह द्वारा निर्मित इस झील का पुनर्निमाण महाराणा फतेहसिंह ने करवाया झील में ने पार्क व सौर वैधशाला स्थित है।
आनासागर झील
(अजमेर)आनाजो चौहान द्वारा निर्मित इस झील के किनारे बारादरी का का निर्माण शाहजहाँ के द्वारा दौलत बाग (सुभाष उद्यान) का निर्माण जहांगीर के द्वारा करवाया गया।
राजसमंद झील
(राजसमंद)महाराणा राजसिंह द्वारा निर्मित इस मनोरम झील का उत्तरी भाग नौ चौकी कहलाता है जहाँ पर 25 विशाल शिलालेखों (राजप्रशस्ति) में मेवाड़ राज्य का इतिहास अंकित है।
नक्की झील
(सिरोही)राजस्थान में सर्वाधिक ऊँचाई आबू पर्वत पर स्थित झील, जो भूगोल वेत्ताओं के अनुसार एक क्रेटर झील है। इस झील के किनारे रघुनाथ जी का मंदिर, नॉन रॉक, टॉड रॉक, पैरंट रॉक, हाथी गुफा व चम्पा गुफा अवस्थित है।
पुष्कर झील
(अजमेर)भारत की सबसे पवित्र मानी जाने वाली पुष्कर झील के किनारे ब्रह्मा मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, वराहमंदिर एवं गायत्री मॉदर स्थित है।
सिलिसेढ झील
(अलवर)इस झील के किनारे पर 1845 ई. में अलवर के राजा विनयसिंह द्वारा एक शिकारगाह एवं महल का निर्माण करवाया गया।
पिछोला झील
उदपपुर
मेवाड़ के राणा लाखा के शासनकाल में एक बंजारे द्वारा निर्मित इस झील की मरम्मत महाराणा उदयसिंह ने करवाई। जगनिवास एवं जग मंदिर महल इस झील के मध्य स्थित है।
राजस्थान में मीठे पानी को अन्य महत्वपूर्ण झीले
नवलखा झील ( बून्दी), बालसंमद झील (जोधपुर), गैब सागर (ड्रैगरपुर), कायलाना (जोधपुर), उदयसागर झील (उदयपुर), पन्नालाल शाह का तालाब (खेतड़ी), गडसीसर तालाब (जैसलमेर), फायसागर (अजमेर), रामसागर (धौलपुर) एवं मानसागर (जयपुर)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें