राजस्थान का परिचय भाग दो

 


राजस्थान का परिचय भाग-दो


राज्य के आठ जिलों पाली, राजसमंद, जोधपुर, नागौर, दौसा, अजमेर, टोंक एवं की सीमाएँ किसी देश अथवा राज्य से नहीं लगती जबकि पाली जिले की सीमाएँ सर्वाधिक आठ जिलों से लगती है। यह राजस्थान का एकमात्र जिला है, जहाँ पर कोई उप-तहसील नहीं हैं।


स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरान्त राजस्थान में 25 जिलों-जयपुर, अलवर, टोंक, भरतपुर, सवाई माधोपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, जोधपुर, नागौर, जालौर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, सिरोही, उदयपुर, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, कोटा, एवं झालावाड़ का गठन किया गया।





अजमेर-मेरवाड़ा केन्द्र शासित प्रदेश के राजस्थान में नवम्बर, 1956 को विलय होने से 26वें जिले अजमेर का गठन हुआ। 15 अप्रैल, 1982 को भरतपुर जिले से अलग करके धौलपुर को राज्य का 27वाँ जिला बनाया गया।



10 अप्रैल, 1991 को कोटा से अलग करके बारां को राज्य का 28वां जिला, जयपुर अलग करके दौसा को 29वाँ जिला एवं उदयपुर से अलग करके राजसमन्द 30वाँ जिला बनाया 12 जुलाई, 1994 को राज्य के श्रीगंगानगर जिले से अलग करके हनुमानगढ़ को 31वाँ जिला बनाया गया।




19 जुलाई, 1997 को राज्य के 32वें जिले करौली का गठन सवाई माधोपुर जिले के विभाजन स्वरूप हुआ।




26 जनवरी, 2008 को चित्तौड़गढ़, उदयपुर एवं बाँसवाड़ा जिलों के पुनर्गठन के फलस्वरूप राज्य का 33वाँ जिला प्रतापगढ़ अस्तित्व में आया।




क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य के पांच सबसे बड़े जिले जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर एवं नागौर हैं। (जैबाबी जोना)



2011 की जनगणना के अनुसार राज्य के सबसे बड़े पाँच जिले जयपुर, जोधपुर, अलवर, नागौर एवं उदयपुर हैं। 


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